देवगढ़ किला मोहखेड़ मानसून में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह/ Devgadh Fort Mohkhed Best Place To Visit In Monsoon

मध्य प्रदेश को प्रकृति, वास्तुकला, संस्कृति, इतिहास का खजाना कहा जाता है। यहां इतनी सारी जगहें हैं कि आप कहीं और जाने का इरादा भूल जाएंगे, क्योंकि प्रकृति ने सुंदरता में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां की नदियां, पहाड़ियां, झरने और जंगल इसलिए खूबसूरत हैं क्योंकि देश के पर्यटक और प्रकृति की पहली पसंद है।

वास्तुकला, इतिहास और संस्कृति में भी यह अन्य राज्यों से बहोत आगे है। प्रदेश में ऐसे अनेक जगह है जो एक साथ प्रकृति, इतिहास और वस्तुकल को जोड़े हुए है। ऐसा ही स्थान है देवगढ़ का किला जो छिंदवाड़ा से लगभग 39 किमी दूर मोहखेड़ के पास जंगल की खूबसूरत पहाड़ी पर स्थित है। इतिहास में इसका उल्लेख 15 वीं शताब्दी से मिल जाता है।

देवगढ़ किले का निर्माण/ Construction Of Deogarh Fort

इस अद्भुत किले का निर्माण जाटव राजा द्वारा किया गया था, जो की गोंड वंश के प्रमुख राजा माने जाते है। किले के बन जाने के बाद उन्होंने इसे अपनी राज धानी घोसित कर दी। भारत में मध्यप्रदेश को गोंड वंश का केंद्र माना जाता है।

देवगढ़ किले का डिजाइन मुगल वास्तुकला के समान है, और इसलिए कुछ इतिहासकारों का मानना ​​है कि किला बख्ता बुलंद द्वारा बनाया गया था जो राजा जाटव के उत्तराधिकारी थे। वर्तमान में देवगढ़ गांव एक छोटा सा बस्ती है।

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गोंडवंश के राजाओ की राजधानी/ Capital Of The Kings Of The Gond Dynasty

देवगढ़ किला गोंड वंस के राजाओ की राजधानी के लिए प्रशिद्ध है. देवगढ़ का साम्राज्य लगभग पुरे मध्य भारत में फैला हुआ था। देवगढ़ पर राज्य करने वाले प्रमुख राजाओ में प्रतापी राजा जाटाव शाह, राजा धुरवा, राजा कोकशाह और इनके आलावा वहां इस्लामिक आगमन का भी प्रभाव देखा जा सकता है जो दर्शाते है की इन गोंड राजाओ के बाद देवगढ़ पर इस्लामिक बादशाहो ने भी यहाँ पर राज किया है।

यहाँ राज करने वाले राजाओ में प्रमुख जाटव शाह सबसे अधिक प्रभावशाली रहे उनका अनेक इतिहास में अनेक जगह वर्णन मिलता है। जिस से साफ पता चलता है की उनका साम्राज्य दूर-दूर तक फैला था और वह एक प्रभावी राजा था।

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देवगढ़ का समृद्ध इतिहास/ Rich History of Devgarh

यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक किला जहाँ 18वीं शताब्दी तक ‘गोंड’ साम्राज्य की राजधानी थी और उस समय इसकी महिमा और चमक आज भी खंडरो में बदल चुका किला करता है। इसे देख कर ही लगता है की यह अपने समय में एक अद्भुत स्थान रहा होगा जिसकी कीर्ति और वैभव दूर दूर तक फैली होगी। अब, केवल शक्तिशाली राज्य और किले के जीर्ण-शीर्ण अवशेष ही मिल सकते हैं। देवगढ़ साम्राज्य को मध्य भारत का सबसे बड़ा आदिवासी साम्राज्य माना जाता था।

महल, किला और अन्य इमारतों जैसी पुरातात्विक संरचनाएं इसे एक सुंदर पर्यटन स्थल बनाती हैं और हमें अतीत के गौरव की याद दिलाती हैं। ऐसा माना जाता है कि देवगढ़ को नागपुर से जोड़ने वाला एक गुप्त भूमिगत मार्ग था, जिसका उपयोग राजाओं द्वारा आपातकाल के समय बचने के लिए किया जाता था।

अभेद निर्माण शैली/ Impeccable Construction Style

किले का निर्माण सुरक्षा की दृष्टि से अभेद और बहुत ही मजबूती से बनाया गया था। इस किलें में आक्रमण कर जितना असंभव था। उत्तर दिशा से किलें में किले का विशाल प्रवेश द्वार है जहा से इसके भीतर प्रवेश किया जा सकता हैं। पहाड़ी पर विशाल किला निर्माण की अभूतपूर्व शैली और प्राकृतिक के बिच होने से इस किले की सुंदरता और भी बड़ जाती है।

ऐसे देखने मात्र से पता चलता है की यह अपने समय में कितना वैभव पूर्ण रहा होगा। किले के अवशेषों में उत्तर की ओर मुख वाला विशाल प्रवेश द्वार इसके अतीत के गौरव की बात करता है। इसके अलावा, नक्कारखाना, कचेहरी, दरबालहॉल किले की दीवारों के बिखरे हुए अवशेष इसकी गौरव गाथा का वर्णन करते है।

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जल संरक्षण प्रणाली/ water conservation system

किले के आसपास अनेक जल संरक्षण की प्राचीन प्रणाली आज भी जिवंत है कहा जाता है की किले के चारो ओर सैकड़ो बावड़ी और कुएँ है, जिनमे से कुछ अभी ज्ञात है और बाकि की खोज अभी भी जारी है। किले के शीर्ष पर “मोतीटाका” नाम का एक जिज्ञासु जलाशय है। कहा जाता है कि किसी जमाने में जलाशय में जमा पानी इतना साफ रहता था कि उसके तल पर पड़े सिक्के को भी साफ देखा जा सकता था।

चारों ओर फैली प्राकृतिक सुंदरता/ Natural Beauty All Around

घने जंगलों और गहरी घाटियों वाला यह प्राचीन किला एक पहाड़ी पर बनाया गया था। प्राकृतिक सुन्दता के बीच अभेद माना गया है। सुलभ पहाड़ी रास्तों की मदद से आप ऊपर की ओर किले तक पहुंच सकते हैं। यदि हम किले के ऊपर से देखते है तो दूर तक गहरी खाई और हराभरा नजारा देखने मिलता है।

यह बरसात के मौसम में घूमने के लिए अद्भुत स्थान है। यहाँ बहोत ही आसानी से पंहुचा जा सकता है। दोस्तों और परिवार के संग इस इतिहासिक अच्छा और यादगार समय बिताया जा सकता है, साथ फोटोग्राफी के लिए यह स्थान प्रकृति के बीच होने की वजह से उपयुक्त है।

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