अतुल्य भारत का दिल मध्य प्रदेश में धड़कता है। यह समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, गौरवशाली इतिहास, प्राकृतिक वन एवं जीव सम्पदा के लिए जाना जाता है। प्रदेश में अनेक धार्मिक स्थल है जिनका संबंध पौरान्विक कथाओ से है। मध्यप्रदेश में कई चमत्कारी और अवलोकिक मंदिर है जो प्रकृति की गोद में बसे है। इन मंदिरो में दर्शन मात्र से पुण्य की अनुभूति प्राप्त होती है। आये जाने कुछ प्रमुख मंदिरो के बारे में:
मां शारदा मंदिर, मैहर/ Maa Sharda Temple, Maihar
त्रिकुटा की पहाड़ी पर स्थित प्राचीन माँ शारदा मंदिर स्थित है। यह प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध देवी मंदिर है, साथ ही यह मंदिर अन्य मंदिरो की तुलना में अच्छी पहाड़ी पर निर्मित है।
यह एक चमत्कारी शक्ति पीठ है, नवरात्री में यहाँ मेला लगा रहता है जिसमे दूर दूर से भक्त गैन आते है। माता के दर्शन करने आप सीडी या रोपवे का उपयोग कर सकते है।
बिजासन माता मंदिर, सलकनपुर/ Bijasan Mata Temple, Salkanpur
सीहोर जिले के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र सलकनपुर में माता बिजासन विराजमान है। उच्ची पहाड़ी पर प्रकृति के बीच माता रानी का विशाल और भव्य मंदिर निर्मित है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है, जिसे मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा भी बढ़ावा दिया गया है। पवित्र मंदिर भोपाल से 70-75 किमी की दूरी पर स्थित है।
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शीतला माता मंदिर, ग्वालियर/ Sheetla Mata Mandir, Gwalior
माँ शीतला मंदिर एक प्राचीन देव स्थान है जो की ग्वालियर शहर से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर ग्वालियर करेरा मार्ग पर स्थित है। इस चमत्कारी मंदिर क्षेत्रीय लोगो के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। नवरात्र के समय में हजारों श्रद्धालु ग्वालियर शहर से पैदल चलकर माँ शीतला के दर्शन करने आते है। यह एक अद्भुत स्थल है यहाँ एक बार जा कर अवश्य ही माता रानी का आशीर्वाद लेना चाहिए।
बगलामुखी माता मंदिर, आगर/ Baglamukhi Mata Temple, Agar
त्रिशक्ति माता बगलामुखी मंदिर आगर जिले की तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के तट पर स्थित है। इस मदिर का सम्बन्ध द्वापर युग से है जो की बहुत ही चमत्कारी माना गया है। इस मंदिर में माता बगलाकुमती के अलावा, माता लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान कृष्ण, हनुमान के साथ काल भैरव भी विराजमान है। इस प्राचीन मंदिर की स्थापना महाराजा युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण के निर्देश पर महाभारत जीतने के लिए की थी।
मां चामुंडा और तुलजा भवानी मंदिर, देवास/ Maa Chamunda and Tulja Bhavani Temple, Dewas
देवास शहर के मध्य में देवी वैशिनी पहाड़ी, जिसे आमतौर पर टेकरी मंदिर के नाम से जाना जाता है, जहां देवी तुलजा भवानी, चामुंडा माता और कालिका माता का मंदिर है। मुख्य रूप से देवी के दो मंदिर हैं जिन्हें छोटी माता (चामुंडा माता) और अन्य बड़ी माता (तुलजा भवानी माता) कहा जाता है।
एक मान्यता के अनुसार यहाँ देवी माँ के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं, जो भक्तो की मनोकामना पूरी करती है।
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भादवा माता मंदिर, नीमच/ Bhadwa Mata Temple, Neemuch
मध्य प्रदेश के नीमच जिले में भादवा माता मंदिर स्थित है और यह भारत के प्रमुख देवी मंदिर में शामिल है। यह एक चमत्कारी मंदिर है जहा दूर दूर से भक्तो का आगमन होता है। इस मंदिर में महामाया भादवा माता और साथ ही नौ नव दुर्गा मूर्तियों का एक शानदार संगमरमर से निर्मित मंदिर है।
पीताम्बरा शक्तिपीठ, दतिया/ Pitambara Shaktipeeth, Datia
दतिया शहर के बीचो बीच स्थित माँ पीताम्बरा शक्तिपीठ विराजमान है। यह एक अनोखा मंदिर है, यहाँ माता रानी दिन के तीनो प्रहरों में अलग अलग रूपों में दर्शन देती है। इस मंदिर की स्थापना साल 1935 में की गई थी। माँ पीताम्बरा शक्तिपीठ एक चमत्कारी मंदिर है इस स्थान पर जा के माता रानी के दर्शन करने से पुण्य लाभ होता है।
रतनगढ़ माता मंदिर, दतिया/ Ratangarh Mata Temple, Datia
दतिया जिले से लगभग 60 किमी की दुरी पर स्थित रतनगढ़ माता मंदिर एक लोकप्रिय दुर्गा मंदिर है। जो की सिंध नदी के तट पर स्थित है, यह माता मंदिर चम्बल क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है। हर साल लाखों भक्त माता के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते है।
अछरू माता मंदिर, टीकमगढ़/ Achru Mata Temple, Tikamgarh
अचरू माता मंदिर देश के सबसे पुराने देवी मंदिरों में से एक है और यह प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में गिना जाता है। बुंदेलखंड क्षेत्र के लोग अछरू माता मंदिर की पूजा श्रद्धा भाव से करते हैं। यह टीकमगढ़ जिले का मुख्य धार्मिक स्थान हैं।
इच्छा देवी मंदिर, बुरहानपुर/ Ichha Devi Temple, Burhanpur
बुरहानपुर से लगभग 23 किलोमीटर की दुरी पर इच्छापुर नामक गांव में स्थित है, जहां इच्छा देवी को समर्पित एक प्रसिद्द मंदिर है। यह देवी मंदिर बुरहानपुर जिले के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस चमत्कारी मंदिर में भक्तो की मनोकामना पूर्ण होती है।
हरसिद्धि दुर्गा मंदिर, उज्जैन/ Harsiddhi Durga Mandir, Ujjain
अवन्ति नगरी का प्रसिद्ध हरसिद्धि दुर्गा मंदिर का निर्माण चक्रवर्ती सम्राट राजा विक्रमादित्य द्वारा किया गया था। इस मंदिर में दो अद्वितीय देवदार के आकार के लोहे के दीये हैं। मंदिर पवित्र शहर और क्षिप्रा के पूर्वी तट पर स्थित एक प्राचीन शहर महाकाल की नगरी के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
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