जबलपुर शहर के पास बैलेंसिंग रॉक एक अद्भुत पर्यटक एवं दर्शनीय स्थल है। यह रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी मेडिकल रोड पर स्थित है। बैलेंसिंग रॉक को संतुलित शिला भी कहा जाता है। शहर में स्थित ग्रेनाइट रॉक हिल्स न केवल जबलपुर में बल्कि विश्व मंच पर प्रसिद्ध हैं। मदन महल पहाड़ी पर स्थित बैलेंसिंग रॉक एशिया के तीन बैलेंस रॉक्स में शामिल है। यहाँ आप दोस्तों और परिवार के साथ अपना अच्छा समय बिताने के लिए यहां आ सकते हैं।
रानी दुर्गावती का महल/Rani Durgavati Ka Mahal
बैलेंसिंग रॉक के आसपास घूमने के लिए कई जगह हैं, जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं। बैलेंसिंग रॉक के पास प्रसिद्ध रानी दुर्गावती किला स्थित है। रानी दुर्गावती एक आदिवासी शासक थी इसने यहाँ के पहाड़ किस छोटी पर अपना किला बनवाया था। जिसे हम मदन महल के नाम से जानते है। इसके अलावा यहां एक प्राचीन मंदिर भी बना हुआ है, जो मां शारदा को समर्पित है। यह स्थान बहुत ही खूबसूरत है और चारों तरफ पेड़-पौधों की हरियाली से घिरी हुआ है।
अनोखी प्रकृति सरचना/Anokhi Prakratik Sarchna
प्रकृति की अनोखी सरचना इस जगह देखने को मिलती है यहाँ एक बड़ा पत्थर दूसरे के पत्थर के ऊपर प्राकृतिक रूप से रखे गए है, जो की हजारो साल से यथावत है। प्राकृतिक हलचल के बाद ही भी ये थोड़े से टस से मस नहीं होते है। साल 1997 मेंएक भीषण भूकंप आया था। तब यह सोचा गया कि इस पत्थर को कुछ नुकसान हुआ होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और संतुलित पत्थर अपना संतुलन बनाये हुए है।
इनका संतुलन देख ऐसा कोई भी नहीं कह सकता की ये प्राकृतिक रूप से रखे हुए है, इनको देख महसूस होता है की इन्हे किसी ने सोच समझ कर रखा हुआ है। परन्तु इतने विशाल चट्टानों को कोई भला कैसे उठा सकता है। इन विशाल चट्टान को ऐसी स्थिति में है जैसे कि वह अब गिरने ही वाली हो। आप यहां आकर इन चमत्कारी पत्थरो को देख सकते हैं। आप देख सकते हैं कि इन पत्थरो में गुरुत्वाकर्षण बल कैसे कार्य करता है। यह जगह एक आश्चर्य से भरपूर है।
सुगम पहुंच मार्ग/Sugam Pahuch Marg
बैलेंसिंग रॉक मुख्य सड़क पर ही स्थित है, इसलिए यहां आप अपनी कार पार्क कर सकते हैं और बैलेंस रॉक पर जा सकते हैं। यहां गेट के किनारे एक बोर्ड लगा है, जिसमें बैलेंस रॉक की जानकारी लिखी हुई है। यहां रात में रोशनी की भी व्यवस्था है। रात के समय यहां लाइटें जलाई जाती हैं, ताकि आप शाम को भी यहां समय बिता सकें। बैलेंसिंग रॉक के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। फोटोग्राफी के लिए बैलेंसिंग रॉक एक अच्छी जगह है।
आप यहां अपने वाहन से या टैक्सी या मेट्रो बस से आ सकते हैं। अगर आप यहां मेट्रो बस से आते हैं तो आपको थोड़ी दूर पैदल ही चलना होगा। यदि आप ऑटो से आते हैं, तो आप बैलेंसिंग रॉक तक ऑटो से उतरेंगे।
बैलेंसिंग रॉक घूमने जाने का सबसे अच्छा समय/Balancing Rock Ghune Jane Ka Sab Se Achha Samay
वैसे तो यहाँ साल भर पर्यटक आते जाते रहते है, लेकिन बरसात के दिनों में इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता और बड़ जाती है। मानसून के मौसम में चारों तरफ फैली हरियाली और ठंडी हवा एक अनुभव कराती है। बरसात में इन विशाल पत्थरो की सुंदरता और बड़ जाती है, जो आप को अधिक देर तक अपने पास रोकने में कामियाब होती है। इस प्रकृति के खूबसूरत नज़ारे को जाकर जरूर देखे ढेर सारी फोटोज ले और एक मीठी यादे जिंदगी के लम्हे में संजोये रखे।
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बैलेंसिंग रॉक भूवैज्ञानिक की नजर से/Balancing Rock Bhuvaigyanik Ki Najar Se
साइंस कॉलेज के भूविज्ञानी बीएस राठौर के मुताबिक जबलपुर के आसपास की पहाड़ियों की अपनी एक अलग पहचान है। ये चट्टानें लाखों साल पहले से अस्तित्व में हैं। उनके अनुसार ये चट्टानें, विशेष रूप से ग्रेनाइट की, मैग्मा के जमने से बनी होंगी। दूर से देखने पर यह एक संतुलनकारी चट्टान की तरह दिखता है। इन्हें विज्ञान की भाषा में ग्रेनाइट बॉक्स कहा जाता है।
ये चट्टानें एक ही प्रकृति की हैं। इनमें दरारें बन जाती हैं, जिन्हें संधि कहते हैं, जिसमें दो ब्लॉक आपस में जुड़ जाते हैं, यही उनकी विशेषता है। यह संतुलनकारी चट्टान दूर से दिखाई देती है, लेकिन यह एक ही चट्टान है। कई चट्टानें टूट जाती हैं लेकिन कई चट्टानें लाखों सालों से खड़ी हैं, जबलपुर में ये ऐसी ही चट्टानें हैं।