मध्य प्रदेश की राजधानी, झीलों की नगरी भोपाल में अनेक प्रसिद्ध मंदिर है, भोपाल शहर की स्थापना आज से लगभग 1000 साल पहले राजा भोज द्वारा की गई थी। राजा भोज को हिन्दू धर्म के संरक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने शुरुवाती इस्लामिक आक्रमण के बाद पुनः हिन्दू धर्म को संगठित किया, साथ ही देश भर में अनेक मंदिरो का जीर्णोद्वार कराया, इसके अलावा बहुत से नए मंदिरो का निर्माण भी किया।
भोपाल से 30 किलोमीटर की दुरी पर राजा भोज द्वारा निर्मित भोजेश्वर मंदिर स्थित है, जो की विश्व प्रशिद्ध है। हिन्दू धर्म से सम्बंधित अनेक मंदिर भोपाल में निर्मित है, जो संस्कृति और सभ्यता को संजोये हुए, और लाखो लोगो के आस्था का केंद्र बने हुए है।
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यदि आप आध्यात्मिकता और शांति का अनुभव करना चाहते हैं, मंदिरो में जरूर जाना चाहिए, आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में रोज मंदिर जाना तो संभव नहीं, लेकिन हफ्ते में एक बार जरूर जाना चाहिए। भोपाल स्थित कुछ प्रमुख मंदिर इस प्रकार है:
भोजपुर मंदिर, भोपाल/ Bhojpur Temple, Bhopal
भोजपुर स्थित भोजेश्वर मंदिर हिंदुओं के लिए एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। इस मंदिर को सोमनाथ मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है। इसका निर्माण राजा भोज द्वारा 10वी शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा और प्राचीन एक पत्थर से निर्मित शिव लिंग की स्थापना की गई है। इस मंदिर का निर्माण एक पहाड़ी नुमा स्थान पर, पथरीली चट्टानो के ऊपर किया गया है। इस मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
यह भोपाल से करीब 30 किलोमीटर की दुरी पर होने के वजह से यहाँ पर अक्सर लोग सप्ताह का अंत में भगवान शिव के दर्शन एवं घूमने जाते है। हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर भोजपुर में एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, भोपाल/ Laxmi Narayan Temple, Bhopal
छोटी झील का मनोरम दृश्य और स्वर्ग सा मंदिर का प्रवेश द्वार लक्ष्मी नारायण मंदिर के मुख्य आकर्षण केंद्र हैं। यह सूंदर मंदिर अरेरा हिल्स पर स्थित, लक्ष्मी नारायण मंदिर भारत में समकालीन मंदिर कला का एक सबसे अच्छा उदाहरण है। इस मंदिर को बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर धन और समृद्धि की देवी, माँ लक्ष्मी को समर्पित है।
देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के अलावा, आप इस मंदिर में अपनी माता पार्वती के साथ भगवान शिव की मूर्तियां का भी दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर भोपाल के प्रमुख मंदिर में से एक है। प्रतिदिन सुबह-शाम यहाँ भक्तो का आना जाना लगा रहता है, इस मंदिर परिसर में बहुत ही आकर्षक गार्डन है।
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लक्ष्मी नारायण मंदिर लगभग 7.5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिस में लॉन और पार्क, फव्वारे औरअनेक मूर्तियां हैं। जन्माष्टमी और दीवाली त्योहार के दौरान हजारों भक्तों का मंदिर में दर्शन करने आना होता है। इस भव्य मंदिर का शांत वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति देता है।
गुफा मंदिर, भोपाल/ Cave Temple, Bhopal
लालघाटी स्थित गुफा मंदिर भोपाल शहर से लगभग सात किलोमीटर की दुरी पर है। संत श्री नारायण दासजी महाराज को रॉक (चट्टान) गुफा के अंदर शिव मंदिर स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है, और इसलिए इसका नाम गुफ़ा मंदिर है। यह दुर्लभ मंदिर संरचना की दृष्टि से बहोत ही अद्भुत है। यहाँ बना हुआ हनुमान मंदिर इस स्थान पर आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र है।
यह मंदिर संस्थान एक आश्रम को भी संचालन और प्रबंध का कार्य करता है, और इच्छुक छात्रों को वैदिक पाठ देता है।
मनु भान की टेकरी, भोपाल/ Manu Bhan’s Tekri, Bhopal
मनु भान की टेकरी एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है। मनु भान टेकरी भारत के प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक है, जो जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह स्थान अपने उत्कृष्ट वास्तुकला और शहर के मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। इस स्थान को महावीर गिरी के रूप में भी जाना जाता है। मनु भान की टेकरी में जैन संत श्री जिनदत्त सुरेश्वरजी, आचार्य मनतुंग और महाराजा श्री विजय सूरजी के चरण कमल हैं, साथ ही साथ श्री भास्करजी की मूर्ति भी है।
प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में एक बड़े उत्सव का आयोजन किया जाता है। चारों ओर हरियाली और ठंडी हवा सभी इस स्थान को परिपूर्ण बनाते हैं। मंदिर बहुत अच्छी तरह से बनाया गया है, और पहाड़ी पर बने बड़े पत्थर मंदिर को थोड़ा और भव्यता प्रदान करते हैं। ये देश भर से जैन तीर्थ की भक्ति के महत्वपूर्ण बिंदु हैं।
खटलापुरा मंदिर, भोपाल/ Khatlapura Temple, Bhopal
19 वीं शताब्दी में बना एक नवीनतम भगवान श्री राम मंदिर अतीत में भारतीय कला की ऊंचाइयों का एक जीवंत उदाहरण है। लोअर लेक के पास स्थित, यह प्राचीन मंदिर 150 साल पहले बनाया गया था। हालांकि मंदिर भगवान राम को समर्पित है, लेकिन इसमें लक्ष्मण, सीता और कई अन्य देवताओं की सुंदर मूर्तियाँ भी हैं। इस मंदिर त्योहारो के समय में भक्तो का ताता लगा रहता है, दूर दूर से यहाँ श्रद्धालुगण आते है।
इस मंदिर का निर्माण छोटे तालाब के किनारे होने से इसकी खूबसूरती और बाद जाती है। शाम के वक्त यहाँ पर अद्भुत शांति की अनुभूति होती है।
श्री मध्य स्वामी मलाई मंदिर, भोपाल/ Shri Madhya Swamy Malai Temple, Bhopal
श्री मध्य स्वामी मलाई मंदिर की स्थापना 1984 में हुई थी। कांची मठ के शंकराचार्य सभी कांची मठ मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। भगवान कार्तिकेय की पूजा मुख्य रूप से की जाती है, हालांकि अन्य देवताओं के मंदिर भी यहां देखे जा सकते हैं।
इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। यह मंदिर हर दिन एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं से मिलता है। यह भोपाल बस स्टैंड से लगभग 10 किलोमीटर दूर है और एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है।
गायत्री मंदिर, भोपाल/ Gayatri Temple, Bhopal
गायत्री मंदिर भोपाल में सबसे लोकप्रिय हिंदू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। मंदिर की भव्यता और सुंदरता भक्तों को आध्यात्मिक राहत देता है। मंदिर परिसर में अनेक प्रतिमाये विराजमान है। हर साल कई भक्त मंदिर में जाते हैं।
इस्कॉन मंदिर, भोपाल/ ISKCON Temple, Bhopal
इस्कॉन मंदिर भोपाल में एक राधा कृष्ण मंदिर है। इस्कॉन का मतलब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस है। 1966 में, ए। सी। भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने न्यूयॉर्क शहर में गौड़ीय वैष्णव हिंदू धार्मिक संगठन की स्थापना की। इस संगठन ने हरे कृष्ण आंदोलन या इस्कॉन की शुरुआत की।
भक्त हिंदू शास्त्रों (भगवद गीता और भागवत पुराण) में विश्वास करते हैं। वे भारत में 15 वीं शताब्दी के अंत से प्रचलित गौड़ीय वैष्णव परंपराओं का पालन करते हैं। इस्कॉन के भक्त अमेरिका, मध्य एशिया, यूरोप, भारत, रूस और यूक्रेन से हैं।