भारत की प्रमुख पवित्र नदियां/ Major Holy Rivers Of India
Nature WorldWide April 10, 2022 2
भारतीय हिन्दू धर्म में नदियों को एक परम स्थान दिया गया है, यहाँ नदियों को जीवन दायनी कहा जाता है साथ ही इन्हे माता की उपाधी भी दी गई है। प्राचीन काल से ही नदिया मानव जीवन के लिए उपयोगी रही है क्यों की इसी से जीवन व्यापन करने के लिए जल प्राप्त होता था। उस समय में नल कूप, कुएँ आदि नहीं हुआ करते थे।
भारत में कुछ प्रमुख नदिया जिनका वर्णन वेद-पुराणों में भी मिलता है, उन्हें पूजनीय माना गया है, साथ ही इनमे स्नान करने से पापों से मुक्ति भी मिलती है। भारत में कुछ प्रमुख नदियाँ हैं, जैसे गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी, महानदी और ब्रह्मपुत्र। भारत में अधिकांश पवित्र स्थान जैसे वाराणसी, हरिद्वार, ऋषिकेश, तालकावेरी, नासिक, उज्जैन और पटना, ओमकारेश्वर, महेश्वर पवित्र नदियों के किनारे स्थित हैं।
गंगा नदी/ Ganges River
गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी है और साथ ही भारत की सबसे लंबी नदी भी है। जो, हिमालय के गौमुख नामक स्थान से निकलती है, जो बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है। इस नदी को भारत की “राष्ट्रीय नदी” घोषित किया गया है। गंगा नदी में रहने वाली डॉल्फ़िन मछलियों को भारत का राष्ट्रीय जलीय जिव में संरक्षित किया गया है। गंगा की कई सहायक नदियाँ हैं जैसे यमुना, चंबल, बेतवा और उनमें से एक प्रमुख घाघरा है, जो इसे पटना से पहले मिलती है।

वाराणसी दुनिया के सबसे पुराने बसे हुए शहरों में से एक है, इसमें सैकड़ों मंदिर हैं जिन्हें “मंदिरों का शहर” कहा जाता है जो गंगा के किनारे स्थित है। गंगा नदी के तट पर अनेक धार्मिक स्थल तथा प्राचीन शहर बसे हुए है। यह भारत की सबसे पूजनीय नदी है इसमें स्नान करने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा नदी का मुहाना एक विशाल डेल्टा बनाता है, सुंदरबन डेल्टा दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा है।
यमुना नदी/ Yamuna River
यमुना नदी भारतीय उपमहाद्वीप की एक प्रमुख नदी में से है, जो हिमालय पर्वत के यमुनोत्री नामक स्थान से निकलती है और कुंभ मेले के लिए प्रसिद्ध स्थल त्रिवेणी संगम, इलाहाबाद में गंगा में विलीन हो जाती है। यह देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक है, नदी के दूसरे किनारे पर गोकुल और मथुरा हिंदुओं के लिए पवित्र स्थान हैं। टोंस, चंबल और गिरि नदियाँ यमुना की महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ हैं, इलाहाबाद में गंगा में मिलने से पहले मंदाकिनी नदी यमुना नदी की अंतिम सहायक नदियाँ हैं। प्रसिद्ध ताजमहल आगरा में पवित्र हिंदू नदी यमुना के तट पर स्थित है।

हिंदू पौराणिक कथाओं में इस नदी का विशेष रूप से वर्णन मिलता है। किंवदंती के अनुसार, यमुना नदी का स्रोत एक हिमाच्छादित झील है जिसे सप्तर्षि कुंड के नाम से जाना जाता है, जहां मृत्यु के देवता यम की बहन, देवी यमुना को समर्पित एक मंदिर है। इसलिए जो लोग नदी के पवित्र जल में स्नान करते हैं उन्हें मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है।
सरस्वती नदी/ Saraswati river

सरस्वती एक प्राचीन नदी है जो वैदिक युग के दौरान उत्तर भारत में बहती थी। हालांकि आज नदी का भौतिक अस्तित्व नहीं है, यह अदृश्य है। ऐसा माना जाता है कि यह भूमि की सतह के नीचे बहती है। इलाहाबाद में त्रिवेणी संगम 3 नदियों का संगम है, इन तीनों में से गंगा, यमुना और सरस्वती, पौराणिक सरस्वती नदी अदृश्य है और कहा जाता है कि यह भूमिगत बहती है और नीचे से अन्य दो नदियों में मिलती है और संगम का बिंदु है हिंदुओं के लिए पवित्र स्थान है, जहाँ पर कुम्भ का मेला लगता है।
नर्मदा नदी/ Narmada river
नर्मदा भारत की सात पवित्र नदियों में सबसे पवित्र नदियों में से एक है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक में मैकला पर्वतमाला से निकलती है और विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमाला के बीच आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है और खंभात की खाड़ी या खंभात की खाड़ी जा गिरती है, यह पूर्व से पश्चिम दिशा में बहाने वाली एक प्रमुख नदी है। नर्मदा नदी को मध्यभारत की जीवन रेखा कहा जाता है। प्रदेश की एक तिहाही आबादी इससे प्राप्त होने वाले जल पर आश्रित रहते है।

नर्मदा पर कई प्रकृति जलप्रपात हैं, जिसमे कपिलधारा, धुआँधार जलप्रपात प्रमुख हैं। इसे भारत की सबसे प्राचीन नदी माना जाता है, हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जो फल गंगा नदी में स्नान से मिलता है वही फल इसके दर्शन मात्र से मिल जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं का कहना है कि नदी किसी भी मानव आत्मा को उसके सभी पापों से मुक्त कर सकती है।
मध्य प्रदेश में इस नदी पर अनेक धार्मिक स्थल है जिनमे प्रमुख रूप से बेडाघाट, होशंगाबाद का सेठानी घाट, ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग और महेश्वेर आदि मुख्य है।
कावेरी नदी/ Kaveri river
कावेरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा नदी कहा जाता है। यह दक्षिण-पश्चिमी कर्नाटक राज्य में पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरी पहाड़ी से निकलती है, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के माध्यम से 475 मील (765 किमी) के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती है।

तमिलनाडु के कुड्डालोर के दक्षिण में बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले, नदी बड़ी संख्या में वितरिकाओं में टूट जाती है, जिससे एक विस्तृत डेल्टा बनता है जिसे “दक्षिणी भारत का उद्यान” कहा जाता है। कावेरी नदी को तमिल साहित्य में अपने दृश्यों और पवित्रता के लिए जाना जाता है। कर्नाटक में स्थित शिवसमुद्रम जलप्रपात देश के सबसे बड़े झरनों में से एक है।
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गोदावरी नदी/ Godawari River
गोदावरी नदी यह देश की दूसरी सबसे लंबी नदी है। यह नदी दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट से लेकर पूर्वी घाट तक प्रवाहित होती है। नदी की लंबाई लगभग 900 मील (लगभग 1440 कि.मी.) है। यह नदी नासिक त्रयंबक गाँव की पृष्ठवर्ती पहाड़ियों में स्थित एक बड़े जलागार से निकलती है। मुख्य रूप से नदी का बहाव दक्षिण-पूर्व की ओर है। ऊपरी हिस्से में नदी की चौड़ाई एक से दो मील तक है। समुद्र में मिलने से 60 मील (लगभग 96 कि.मी.) पहले ही नदी बहुत ही सँकरी उच्च दीवारों के बीच से बहती है।

बंगाल की खाड़ी में दौलेश्वरम् के पास डेल्टा बनाती हुई यह नदी सात धाराओं के रूप में समुद्र में गिरती है। भारत की प्रायद्वीपीय नदियाँ- गोदावरी और कृष्णा, ये दोनों मिलकर ‘कृष्णा-गोदावरी डेल्टा’ का निर्माण करती हैं, जो सुन्दरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा डेल्टा है। इस डेल्टा को बहुधा ‘केजी डेल्टा’ भी कहा जाता है। कुंभ मेला उत्सव, जो नासिक में गोदावरी नदी के तट पर आयोजित होता है, नदी के अस्तित्व के कारण भारत में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। गोदावरी नदी के पवित्र जल में स्नान करने से किसी भी पाप से मुक्ति मिलती है।
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क्षिप्रा नदी/ Kshipra River
क्षिप्रा नदी उर्फ शिप्रा हिंदुओं की पवित्र नदियों में से एक है। उज्जैन का प्राचीन पवित्र शहर इसके तट पर स्थित है। उज्जैन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि न केवल एक प्राचीन शहर है बल्कि महाकालेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध एक पवित्र स्थान है – भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक।

हर 12 साल के बाद, उज्जैन कुंभ मेला उत्सव का आयोजन करता है, और दुनिया भर में लाखों भक्त क्षिप्रा की पवित्र नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए आते हैं। यह इंदौर के उज्जैनी मुंडला गांव की ककड़ी बड़ली नामक स्थान से निकलती है। 196KM बहने के बाद मंदसौर में चंबल मे मिल जाती है।
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