भगवान शिव को समर्पित है महा शिवरात्रि का पर्व। और हिन्दू धर्म में पूर्ण धार्मिक उत्साह के साथ प्रतिवर्ष मनाया जाता है। साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।
- महा शिवरात्रि ब्रह्मांड की दो सबसे बड़ी शक्तियो भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का उत्सव है।
- शिवरात्रि हर महीने आती है परन्तु महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है। महा शिवरात्रि शब्द का अर्थ है ‘शिव की महान रात’
- लोक कथाओ के अनुसार इस दिन भगवन शिव और माता पार्वती ने विवाह रचाया था।
- इस रात को भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया, ब्रह्मांड में सभी निर्माण और विनाश का उग्र नृत्य है।
- यह अविवाहित महिलाओं के लिए एक विशेष त्यौहार है, जो भगवान शिव की तरह एक पति की चाह रखती हैं वे इस दिन व्रत रख कर भगवान की साधना करती है।
- विवाहित महिलाएँ सदा सुहागन और अपने पति की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
- निशिता काल या वह समय जब भगवान शिव पृथ्वी पर शिव लिंगम के रूप में प्रकट होते हैं, शिव पूजा के लिए शिवरात्रि का यह समय सबसे महत्वपूर्ण होता है।
- महा शिवरात्रि के पर्वों में पूजा, अभिषेक, उपवास और रात्रि में प्रार्थना और ध्यान के साथ जागृत रहना शामिल है। महाशिवरात्रि की रात से पहले दिन भक्त उपवास रखते हैं। कुछ लोगों का भोजन केवल एक बार होता है जबकि कुछ लोग एक फल और दूध आहार का सेवन करते हैं।
- इस पर्व पर शिवलिंग को दूध, शहद, शक्कर, मक्खन, काले तिल, गंगाजल आदि का उपयोग करके स्नान कराया जाता है। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाया जाता है और ताजे फल और फूल चढ़ाए जाते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने और पूरी रात महा शिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति क्रोध, वासना, लालच आदि जैसे नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण रख सकता है।