मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध गुफाएं/ Famous Caves of Madhya Pradesh

अतुल्य भारत का दिल मध्य प्रदेश देश में सबसे अधिक पर्यटक आकर्षण केंद्र की वजह देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। एक पर्यटक की दृस्टि से यहाँ सब कुछ है जैसे, जंगल, पहाड़, नदी, झरने, वन्य जीव, ऐतिहासिक किले, प्राचीन देव स्थान, अनेक प्रसिद्द मंदिर और साथ ही अति प्राचीन ग़ुफाये। मध्य प्रदेश में देश की ज्ञात सबसे प्राचीनतम गुफाएं है। जिनमे सबसे प्रसिद्ध गुफाओं में पार्वती गुफाएँ भोजपुर, जटाशंकर गुफा पचमढ़ी, महादेव गुफाएँ पचमढ़ी, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में जन मन गुफाएँ और अमरकंटक की दूध धारा गुफाएँ शामिल हैं।

लेकिन प्राचीन गुफाओ की लिस्ट अलग है इनमे प्रमुख रूप से भीमबेटका का नाम सबसे पहले आता है, इसके अलाव उदयगिरि, धर्मराजेश्वर, बाग गुफाएं और पांडव गुफाये शामिल है।

मध्यप्रदेश में सबसे अधिक गुफाएं सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के अंतर्गत आती है कई गुफाएं बहोत दुर्गम मार्ग से होकर जाना पड़ता है इसलिए उन तक बहोत ही काम लोग पहुच पाते है। इनमे नागद्वारी गुफा, छोटा महादेव गुफा, बड़ा महादेव गुफा, गुप्त महादेव गुफा आदि शामिल है। प्रदेश की प्रमुख प्राचीन गुफाएं-

भीमबेटका गुफाएं, रायसेन/Bhimbetka Caves, Raisen

Bhimbetka Caves, Raisen

भोपाल शहर से लगभग 45 किलोमीटर की दुरी पर भीमबेटका की गुफाएं स्थित है इन गुफाओ को भीमबेटका रॉक शेल्टर के नाम से भी जाना जाता है। ये प्राचीन गुफाएं लगभग 30,000 साल से भी अधिक पुरानी है। इन गुफाओ की दीवारों पर अनेक अतिप्राचीन चित्रकारी (पेंटिंग) बनी हुई है, जो की हजारो साल पुरानी है। इन प्राचीन पेंटिग्स में यहाँ रहने वालो इंसानो की जीवन सैली झलती है। जैसे की शिकार करना, सामूहिक नृत्य आदि क्रियाकलाप दर्शाये गए है।

Bhimbetka Caves, Raisen

यह पूरा क्षेत्र घने जंगल, प्राकृतिक आश्रयों और समृद्ध वन वनस्पतियों और जीवों से भरा हुआ है। प्राचीनतम इंसानो की रचना होने के कारण इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।

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उदयगिरि गुफाएं, विदिशा/ Udaygiri Caves, Vidisha

Udaygiri Caves, Vidisha

विदिशा जिले के पास, सांची के बौद्ध स्थल से लगभग 13 किमी दूर स्थित और मध्य प्रदेश में भारत के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है। उदयगिरि में चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियों, खंडित इमारतों और वराह अवतार के रूप में भगवान विष्णु की स्मारकीय आकृति के लिए जाना जाता है। इन गुफाओ का निर्माण 5वीं शताब्दी के आसपास का हैं। आप इन गुफाओं में हिंदू धर्म और जैन धर्म का बहुत प्रभाव देखने को मिलता हैं।

पांडव गुफाएं, पचमढ़ी/ Pandav Caves, Pachmarhi

Pandav Caves, Pachmarhi

सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के पचमढ़ी की पहाड़ियों में पांडव गुफाएं स्थित हैं, पचमढ़ी प्रदेश का हिल स्टेशन भी है, इसलिए यह एक बहोत ही लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। प्रकृति की गोद में बसे पचमढ़ी में अनेक कुदरती गुफाएं है। पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। पचमढ़ी में पांडव गुफाएं, छोटा महादेव गुफाएं, जटाशंकर गुफाएं और महादेव गुफाएं जैसे जंगलों में बहुत सारी गुफाएं और रॉक पेंटिंग हैं।

बाग गुफाएं, धार/ Bagh Caves, Dhar

Dharmarajeshwar Caves, Mandsaur

मध्य प्रदेश के विंध्य पर्वतमाला पर स्थित, बाग गुफाएं चट्टान से बनायीं गई नौ स्मारकों का एक समूह है। पहले, ये गुफाएं भिक्षुओं के मठ हुआ करते थे, और इनमें कई नक्काशी और चित्र बने हुए। माना जाता है कि 5 वीं शताब्दी में बनाए गए स्तंभों की संख्या अभी भी आश्चर्यजनक लगती है।

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धर्मराजेश्वर गुफाएं, मंदसौर/ Dharmarajeshwar Caves, Mandsaur

मंदसौर जिले में स्थित एक प्राचीन हिंदू गुफा मंदिर है और यह भारतीय रॉक-कट वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण है। धर्मराजेश्वर का अखंड मंदिर ठोस प्राकृतिक चट्टान से बना हुआ है और मठों और स्तूपों के साथ चट्टानों को काटकर बनाई गई बौद्ध गुफाओं की एक श्रृंखला है। इन गुफाओ का निर्माण 5वी शताब्दी के लगभग हुआ है। इस स्थान को हिन्दू और बौद्ध धर्म का संगम दिखाई देता है।

आदमगढ़ गुफाएं, होशंगाबाद/ Adamgarh Caves, Hoshangabad

Adamgarh Caves, Hoshangabad

नर्मदा नदी को जीवन दायनी कहा जाता है और इसी के किनारे फैली पर्वत श्रृंखलाओं में सब से प्राचीन मानव जीवन के साक्ष्य मिलते है। लाल और सफेद रंग में रॉक पेंटिंग देखने के लिए आदमगढ़ गुफाओं  को देखने जा सकते हैं, जो प्रागैतिहासिक काल के बारे में कई बातें बताते हैं। इस स्थल पर जो कलाकृतियाँ मिली हैं, वे पाषाण युग की मानी जाती हैं।

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इतिहास प्रेमियों के लिए भारत के प्राचीन इतिहास के बारे में बहुत कुछ जानने के लिए यह आदर्श स्थान है। इस गुफा की चित्रकारी भीमबेटका से मिलती जुलती है।

सारू मारू गुफाएं, सीहोर/ Saru Maru Caves, Sehore

Saru Maru Caves, Sehore

प्राचीन गुफाओ के रूप में सरू मारू गुफाओं का नाम भी आता है, इनमे आपको बौद्ध धर्म का बहुत प्रभाव देखने को मिलेगा। सांची के पास स्थित इन गुफाओं में कई छोटे बड़े स्तूप हैं। आप यहां अशोक के कुछ शिलालेख भी देख सकेंगे, जो इतिहास को दर्शाते है। ऐसा माना जाता है कि सम्राट अशोक और उनके परिवार ने राजकुमार के रूप में इन गुफाओं का दौरा किया था। इन गुफाओं देखने और और अध्यन करने अक्सर दुनिया भर के शोधकर्ता और पर्यटक आते हैं।

बांधवगढ़ प्राचीन गुफाएं, उमरिया/Bandhavgarh Ancient Caves, Umaria

Bandhavgarh Ancient Caves, Umaria

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के परिसर के भीतर स्थित, बांधवगढ़ प्राचीन गुफाएं सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश में घूमने के लिए कुछ प्रसिद्ध गुफाएं हैं। यहां अनेक शिलालेख देख सकते हैं जो ब्राह्मी लिपि में उकेरी गई हैं। इन गुफाओ में इंसानों, हाथियों और घोड़ों की नक्काशी देख सकते हैं। यहां की सबसे बड़ी गुफाओं में नौ कमरे और नक्काशीदार खंभे हैं। वर्तमान में ये गुफाये बहोत जरजर हालत में है लेकिन इतिहासिक रूप ये महत्वपूर्ण है।

 

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