हिन्दू धार्मिक आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण पेड़/ Important Trees Related to Hindu Religious Faith

प्राचीन काल से भारतीय लोग कई पवित्र वृक्षों की पूजा करते आ रहे हैं। हिन्दू धर्म में पेड़ों को एक महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है, साथ ही इन्हे जीने का आधार भी माना गया है। क्योंकि हम जानते हैं कि पेड़ के बिना जीवन का कोई भी अस्तित्व नहीं हो सकता है। भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि पेड़ों में मनुष्यों की तरह जीवन है जो हमारी तरह दर्द और खुशी को महसूस करते हैं इसलिए पेड़ और उनके उत्पाद हमारे अनुष्ठानों और समारोहों का एक विशिष्ट हिस्से के रूप में रखा जाता है।

पीपल का पेड़/ Ficus Religiosa Tree

पीपल का पेड़ भारत के सबसे अधिक पूजनीय वृक्षों में से एक है और इसे बोधि वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह बौद्ध लोगों के लिए पवित्र है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसी पेड़ के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। हिंदू धर्म में, पीपल का पेड़ तीन सर्वोच्च देवताओं- विष्णु, ब्रह्मा, शिव का प्रतिनिधित्व करता है।

जड़ें ब्रह्मा का प्रतिनिधित्व करती हैं, तना विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है और पेड़ की पत्तियां शिव का प्रतिनिधित्व करती हैं। पीपल के पेड़ का आयुर्वेदिक दवाओं में भी उपयोग होता है और यह कई बीमारियों के इलाज के लिए जाना जाता है। इसकी पूजा करने के लिए पेड़ के चारों ओर लाल रंग का कपड़ा या धागा बांधा जाता है। साथ ही यह सबसे शुद्ध ऑक्सीजन देने वाला भी पेड़ है, इस प्रकार पीपल के पेड़ का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व है। 

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बरगद का पेड़/ Banyan Tree

बरगद के पेड़ को आमतौर पर कृष्ण भगवान के निवास के लिए जाना जाता है। बरगद के पेड़ हमेशा या तो किसी मंदिर के पास पाए जाते हैं या फिर पेड़ के नीचे मंदिर होता है। बरगद का पेड़ हमारे देश का राष्ट्रीय वृक्ष भी है, और इसमें बड़े पत्ते होते हैं जो छाया का एक विशाल क्षेत्र प्रदान करते हैं। भीषण गर्मी में भीषण गर्मी से परेशान कई लोग बरगद के पेड़ की छाया में शरण लेते हैं। बरगद के पेड़ दीर्घ आयु वाले होते है, ये हजारो साल तक जिन्दा रहते है।

अशोक का पेड़/ Ashoka Tree

अशोक एक सदाबहार वृक्ष जो हमेशा हरा भरा रहता है साथ ही वातावरण की वायु को शुद्ध करते है।  अशोक के पेड़ को हिंदुओं, बौद्धों और यहां तक कि जैनियों द्वारा भी पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में, यह वृक्ष प्रेम के देवता कामदेव के नाम से भी जुड़ा है। अशोक का पेड़ सदाबहार होने के कारण इसे अधितर समय रास्तों के किनारे लगाए जाते है।

रुद्राक्ष का पेड़/ Rudraksha Tree

रुद्राक्ष का पेड़ अति शुभ माना जाता है,यह हिमालय तलहटी में उगता है। इसमें लगने वाले फलो का उपयोग माला बनाने के रूप में किया जाता है। इस आध्यात्मिक पेड़ को भगवान शिव के अवतार के रूप में माना जाता है। रुद्राक्ष संस्कृत में एक मिश्रित शब्द भी हो सकता है, जो भगवान शिव के अश्रु रुद्र और अक्ष अश्रु का सुझाव देता है। भगवान शिव रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं। यह आदी है प्रार्थना या ध्यान के दौरान किसी भी मंत्र के दोहराव की संख्या की गणना करता है। कहा जाता है की रुद्राक्ष की माला धारण करने से शांति की अनुभूति होती है साथ ही बुरी ताकते दूर रहती है।

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आम का पेड़/ Mango Tree

आम के पेड़ की पत्तियों और फलों का उपयोग कई धार्मिक कार्यक्रमो में उपयोग किये जाते है। आम के पेड़ का उल्लेख रामायण, महाभारत और यहां तक कि पुराणों जैसे महाकाव्यों आदि में भी किया गया है। आम के पेड़ का फल पवित्रता, प्रेम और उर्वरता का प्रतीक है। आम के पेड़ की पत्तियों की तोरण बना कर दरवाजे ऊपर बाँधी  है, जो किसी भी अवसर की शुभता को व्यक्त करता है।

आंवले का पेड़/ Gooseberry Tree

 इस पेड़ की पूजा से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, और पूजा करने वाले को धन संबंधी कोई समस्या नहीं होती। उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। आंवले में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है, इसके अलावा आंवले में पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, फीवर, प्रोटीन, विटामिन A, B, C और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

आंवले से न सिर्फ मधुमेह, बवासीर, नकसीर, दिल की बीमारी जैसी बिमारियों का उपचार हो सकता है, साथ ही इससे आप अपनी त्वचा को कोमल, गोरी बनाने के अलावा बालों के विकास और झड़ने टूटने की समस्या से निजात पा सकते हैं।

बेल का पेड़/ Bael Tree

बेल भारत का सबसे पवित्र वृक्ष है, जो सर्वशक्तिमान भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। बेल के पत्ते भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं। बेल के पत्तो के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। आयुर्वेद में बेल के वृक्ष के फल, फूल और छाल उपयोग में ली जाती है।

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शमी का पेड़/ Shami Tree

मान्यता है कि घर में देवी-देवताओं की कृपा बनाए रखने के लिए शमी का पेड़ लगाना चाहिए, इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। प्रत्येक शनिवार को भगवान शनि को शमी का पत्ता अर्पित करना चाहिए। इससे शनि के दोष कम हो जाते हैं, और बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।

शमी का पौधा घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने में लगाना चाहिए और नियमित इसकी पूजा करनी चाहिए। भगवान शनि के अलावा भगवान गणेश को भी शमी का पत्ता काफी प्रिय है क्योंकि शमी में भगवान शिव का वास होता है, यही कारण है कि इस पत्ते को गणेश जी पर चढ़ाते हैं।

बांस का पेड़/ Bamboo Tree

प्राचीन काल से ही बॉस एक महत्वपूर्ण पेड़ रहा है, जिसका धार्मिक महत्व भी है। अक्सर पूजा और अन्य अवसरों के दौरान लोग देवताओं को खुश करने और घर की बुराइयों को दूर करने के लिए बांस की छड़ें और उससे बनी टोकरियों का उपयोग करते हैं। यहां तक कि भगवान कृष्ण की बांसुरी भी बांस से बनी हुई रहती थी, और इसलिए भक्त इसे काफी शुभ मानते हैं।

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नीम का पेड़/ Neem Tree

नीम का पेड़ अपने असंख्य लाभों के कारण भारत में सबसे सम्मानित पेड़ों में से एक है। नीम में अन्य पेड़ो की तुलना में सर्वधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं, और इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह देवी दुर्गा से भी जुड़ा हुआ है और कई लोगों का मानना है कि नीम के पेड़ बुरी आत्माओं को दूर रखने में मदद करते हैं।

नारियल का पेड़/ Coconut Tree

दक्षिण भारत में नारियल के पेड़ को सबसे पवित्र वृक्ष माना जाता है। वहां के ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में नारियल का पेड़ लगाया है। नारियल का उपयोग हिंदुओं के सभी त्योहारों में किया जाता है, और इसे प्रसाद के रूप में भी वितरित किया जाता है। नारियल का तेल खाने और सिर पर लगाने के लिए भी किया जाता है। समस्त प्रकार की पूजाओं और अनुष्ठानों के दौरान नारियल का उपयोग किया जाता है। नारियल को श्री फल या ऋतू फल के नाम से भी जाना जाता है।

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केला का पेड़/ Banana Tree

केले के पेड़ की पत्तियों और फलों का उपयोग लगभग सभी धार्मिक अनूठानो में किया जाता है। एक शुभ अवसर को चिह्नित करने के लिए प्रवेश द्वार के पास इसकी पत्तियों को लगाया दिया जाता है, और प्रसाद देने के लिए प्लेटों के रूप में भी उपयोग किया जाता है। केले के पेड़ का फल पूजा के दौरान देवी-देवताओं, विशेष रूप से भगवान गणेश और भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है।

कदम्ब का पेड़/ Kadamba Tree

कदम्ब के पेड़ के नीचे भगवान कृष्ण अपनी बांसुरी बजाये करते थे। उनके बचपन में सभी गतिविधियाँ इसी पेड़ के पास की जाती थीं। कदम्ब का पेड़ कई देवी-देवताओं का पसंदीदा है। माना जाता है कि कदंब वन में देवी दुर्गा का वास रहता है। कदम्ब के पेड़ का वर्णन कई वेद पुराणों में मिल जाता है, जिन से इसका धार्मिक महत्व समझ में आता है।

चंदन का पेड़/ Sandalwood Tree

चंदन को एक पवित्र वृक्ष के रूप में जाना जाता है। पेड़ की सुगंधित लकड़ी से एक प्रकार का पेस्ट बनाया जाता है, जिसे बाद में भगवान विष्णु और शिव की पूजा में उपयोग किया जाता है। पेड़ का लेप बहुत ही शुद्ध और पवित्र माना जाता है। यह जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महगा भी है।

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चमेली का पेड़/ Jasmine Tree

चमेली अपने सुंदर सफेद फूलों के लिए जाना जाता है, और विष्णु को इसके फूल अर्पित किये जाते है। इसके फूलों का उपयोग कई धार्मिक समारोहों और देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है। चमेली विवाह समारोहों का एक अनिवार्य हिस्सा है, और समारोह में फूलों का उपयोग माला बनाने के लिए किया जाता है।

तुलसी का पेड़/ Basil Tree

तुलसी का पौधा हमारे देश के सबसे पवित्र पौधों में से एक है। यह लगभग हर हिन्दू परिवार के अगर में रहता है। धार्मिक समारोहों में तुलसी की हमेशा आवश्यकता होती है और यह अपने चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए भी लाभकारी है।

तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और हिंदू धर्म में तुलसी विवाह एक बहुत ही लोकप्रिय धार्मिक प्रथा है। इसके अलावा योगी अपने मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने के लिए तुलसी की माला पहनते हैं। शाम के समय तुलसी के पेड़ के निचे दीपक जलाने से घर में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते है।

चंपा का पेड़/ Champa Tree

चंपा एक चमकदार और सुगंधित पीला फूल वाला वृक्ष है, जिसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और देवताओं की पूजा करने में किया जाता है। इसे भगवान कृष्ण के लिए पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह कामदेव के पसंदीदा फूल में से फूलो में से एक का हिस्सा है।

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