भारत के अत्यधिक कठिन धार्मिक स्थल/ India’s Most Difficult Religious Places
Nature WorldWide June 30, 2022 0
भारत विभिन्न धर्म और संस्कृतियों का देश है। जहा लोग पूजा-पाठ, भगवान में आस्था और धार्मिक यात्रा को मुक्ति का द्वार मानते हैं। बस यही आस्था लोगों को पूरे भारत में स्थित मंदिरों और तीर्थस्थानों के दर्शन के लिए खींच ले जाती है।
भक्तो की आस्था में वह शक्ति होती है जो कठिन से कठिन परिस्थियों में भी भक्तों के राह का रोड़ा नहीं बन पाती है, इसके अनेक उदहारण देखे जा सकते है। भारत के कुछ तीर्थ अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित हैं, जिनमे से कुछ बरसात में तो कुछ गर्मी या ठण्ड में बंद रहते है। लेकिन भक्तो का मनोबल फिर भी काम नहीं होता और वे आस्था की डोर से खींचे चले जाते है। आये जाने भारत के कुछ मंदिर जिन तक पहुंचना कठिन होता है।
केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड/ Kedarnath Temple, Uttarakhand

समुद्र तल से लगभग 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, केदारनाथ शिव मंदिर दुनिया के महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में गिना जाता है। बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों और पंच केदारों में से एक, यह श्रद्धेय पर्यटन स्थल मंदाकिनी नदी के तट पर गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला पर स्थित है। लगभग 8 वीं शताब्दी निर्मित, यह अत्यधिक सम्मानित हिंदू तीर्थ चारधाम पर्यटक सर्किट का सबसे प्रसिद्द मंदिर है।

इस मंदिर की यात्रा पैदल करना चाहिए, रास्ते थोड़े सकरे जरूर होते है लेकिन प्रकृति की सुंदरता और धार्मिक आस्था के बिच एक पुल जोड़ता है। केदारनाथ की यात्रा 14 किमी लंबी है जो गौरीकुंड से शुरू होती है। साल 2013 में आयी बाढ़ की वजह से कुछ मार्गो में परिवर्तन किया गया है।
अमरनाथ गुफा, जम्मू और कश्मीर/ Amarnath Cave, Jammu and Kashmir

जम्मू-कश्मीर राज्य में लगभग 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा, एक पवित्र हिंदू धार्मिक स्थल है। अमरनाथ गुफा में एक प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण स्वयं ही हो जाता है जिसके दर्शन करने शिव भक्तो का ताता लगा रहता है।
और पढ़ें: सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और सभ्यता/ Sanatan Dharma, Indian Culture and Civilization

यह भारत में सबसे प्रसिद्ध गुफा मंदिर, जिसका वार्ना पौरान्विक ग्रंथो में भी मिल जाता है। इस गुफा तक पहुंचने का मार्ग बहोत ही दुर्गम और लबा होता है। इस गुफा तक पहुंचने के लिए शारीरिक और मानशिक मजबूती की जरुरत पड़ती है।
कैलाश मानसरोवर, तिब्बत/ Kailash Mansarovar, Tibet

कैलाश मानसरोवर भारत में सभी धार्मिक स्थलों तक पहुँचने के लिए सबसे कठिन स्थानों में गिना जाता है, कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है, जिस पर 1962 के युद्ध के बाद से चीन का कब्जा है। पर्वत कैलाश और मानसरोवर झील के दो लोकप्रिय धार्मिक स्थल यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।

माउंट कैलाश तिब्बत के सुदूर दक्षिण-पश्चिमी में स्थित लगभग 6,638 मीटर ऊंची पर्वत चोटी है और यहाँ से ही एशिया की चार प्रमुख नदियों का उद्गम होता है, जिन्हें ब्रह्मपुत्र, सतलुज, गंगा और सिंधु के नाम से जाना जाता है। कैलाश पर्वत से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित मानसरोवर झील विश्व में सर्वधिक पवित्र मानी जाती है। कैलाश मानसरोवर हिंदुओं, जैनियों के साथ-साथ तिब्बती बौद्धों के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
गंगोत्री मंदिर, उत्तराखंड/ Gangotri Temple, Uttarakhand
उत्तराखंड राज्य में 3,100 मीटर ऊंचाई पर हिमालय की गोद में स्थित, गंगोत्री मंदिर भारत का एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है, जो भारत के चार धाम पर्यटन को पूरा करता है। उत्तराखंड राज्य में उत्तरकाशी जिले में स्थित, मंदिर देवी गंगा को समर्पित है और यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के साथ उत्तराखंड चारधाम पर्यटन स्थल में से एक है।

ऐसा दावा किया जाता है कि गंगोत्री मंदिर देश में देवी गंगा का सबसे ऊंचा आसन है। शानदार हिमालय की गोद में सफेद रंग में बना यह मंदिर, मन को अनुभव प्रदान करता है।
और पढ़ें: भोपाल के प्रमुख धार्मिक स्थल/ Major Religious Places Of Bhopal
बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड/ Badrinath Temple, Uttarakhand
भगवान विष्णु को समर्पित, बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में एक दिव्य हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वत श्रेणियों के बीच स्थित है। ये पंच-बदरी में से एक बद्री हैं। यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर लगभग 3,130 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चारधाम यात्रा तीर्थ के चार तीर्थो में से एक है।

प्राचीन शैली में बना भगवान विष्णु का यह मंदिर बेहद विशाल है। इसकी ऊँचाई करीब 15 मीटर है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शंकर ने बद्रीनारायण की छवि एक काले पत्थर पर शालिग्राम के पत्थर के ऊपर अलकनंदा नदी में खोजी थी। वह मूल रूप से तप्त कुंड हॉट स्प्रिंग्स के पास एक गुफा में बना हुआ था।
हेमकुंड साहिब, उत्तराखंड/ Hemkund Sahib, Uttarakhand

उत्तराखंड के चमोली जिले में लगभग 4632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, हेमकुंड साहिब या हेमकुंट साहिब सिख समुदाय का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा है। अंतरराष्ट्रीय सिख अनुयायियों की भारी भीड़ से भरा यह धार्मिक स्थल हिमालय के उद्गम स्थल पर एक साफ पानी की झील के किनारे स्थित है।
और पढ़ें: जैन तीर्थ मुक्तागिरी, बैतूल/ Jain Tirth Muktagiri, Betul

यह तारे के आकार की सफेद संगमरमर की संरचना ऊंची पर्वत चोटियों, झरने वाले झरनों और घने जंगल के बीच स्थित है। हेमकुंड में अक्टूबर से अप्रैल तक बर्फ की वजह से जाना अत्यधिक दुर्गम है। घांघरिया गांव से 13 किमी लंबा ट्रेक यात्रियों के लिए इसे सुलभ बनाता है।
माँ वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू और कश्मीर/ Maa Vaishno Devi Temple, Jammu and Kashmir
भारत के सभी प्रमुख देवी मंदिरो में सार्वधिक प्रसिद्द मंदिर माँ वैष्णो देवी का है जो की जम्मू कश्मीर के अंतर्गत कटरा नामक स्थान से निकटम दुरी पर है। इस गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए चुनौतीपूर्ण मार्ग होने के बावजूद, वैष्णो देवी मंदिर में हर साल लाखो की संख्या में माता के भक्त दर्शन करने आते हैं। यह जम्मू शहर से 42 किमी और कटरा से 12 किमी दूर, अत्यधिक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर लगभग 1585 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है।

इस गुफा मंदिर में देवी दुर्गा के अवतार वैष्णो देवी की पूजा पिंडियों (प्राकृतिक रॉक संरचनाओं) के रूप में की जाती है। गुफा की यात्रा कटरा से शुरू होती है और लगभग 16 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। भक्तों को पैदल ही इस मंदिर तक चलना पड़ता है, कहा जाता है की यहाँ आकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। देवी के दर्शन करने हेतु पैदल मार्ग के अलावा आजकल वैष्णो देवी में हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
यमुनोत्री मंदिर, उत्तराखंड/ Yamunotri Temple, Uttarakhand
उत्तराखंड का यमुनोत्री धाम मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में, समुद्रतल से लगभग 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर देवी यमुना जी को समर्पित मंदिर है। इस स्थान को उत्तरभारत के चारधामों में से एक माना गया है। यमुनोत्री धाम से यमुना नदी का उद्गम स्थल मात्र एक किमी की दूरी पर है। यहाँ स्थित कालिंदी पर्वत यमुना नदी का स्रोत है। दुर्गम चढ़ाई होने के कारण श्रद्धालू इस उद्गम स्थल को देखने से वंचित रह जाते हैं।

यह स्थान उत्तराखंड के पहाड़ी और हरे भरे वातावरण से घिरा हुआ है। यहां पर बंदरपूंछ नामक चोटी के पश्चिमी अंत में फैले यमुनोत्री ग्लेशियर को देखना अत्यंत रोमांचक है, गढ़वाल हिमालय की पश्चिम दिशा में उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है। इस मंदिर का वर्णन शास्त्रों में मिलता है।
और पढ़ें: मध्यप्रदेश के प्रचलित और चमत्कारी देवी मंदिर/Popular and Miraculous Devi Temples of Madhya Pradesh
पावागढ़ महाकाली मंदिर, गुजरात/ Pavagadh Mahakali Temple, Gujarat
गुजरात राज्य के चंपानेर में पावागढ़ पहाड़ी अपने प्रसिद्ध महाकाली मंदिर के लिए देश भर में जानी जाती है जो समुद्र तल से लगभग 762 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पावागढ़ पहाड़ी के शिखर पर स्थित, मंदिर 5 किमी पैदल मार्ग के माध्यम से पहुँचा जा सकता है जो घने जंगल के बीच से होकर गुजरता है।

मंदिर एक आदिवासी क्षेत्र में स्थित है और इस मंदिर को अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। मंदिर के आंतरिक गर्भगृह में देवी काली की मूर्ति है, जिसे लाल रंग से रंगा गया है। अब मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए रोप-वे बना दिया गया है जिससे अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता कम हो जाती है।
शिखर जी जैन तीर्थ स्थल, झारखंड/ Shikharji Jain Pilgrimage Site, Jharkhand
झारखंड के गिरीडीह ज़िले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित शिखरजी या श्री शिखरजी या पारसनाथ विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल में से एक है। समुद्र तल से लगभग 1,350 मीटर ऊंचा यह पहाड़ झारखंड का सबसे ऊंचा स्थान भी है। पारसनाथ पर्वत विश्व प्रसिद्ध है, यहां देश भर से हर साल लाखों जैन धर्मावलंबियों आते हैं।

इस पहाड़ के शिखर की चढ़ाई और उतरने की यह यात्रा करीब 18 मील की है, जहा बेहद दुर्गम रास्तों से होकर ही यहाँ पंहुचा जा सकता है।
नैनादेवी, हिमाचल प्रदेश/ Naina Devi, Himachal Pradesh
उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थति नैनादेवी देवी शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियो पर स्थित देवी का एक प्रसिद्द मंदिर है। नैनादेवी मंदिर 51 शक्ति पीठों में शामिल है।

ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां जाने का मार्ग दुर्गम है। अन्य धार्मिक स्थलों की तरह इस मंदिर तक पहुंचने में बहोत अधिक चढाई व दुर्गम मार्गो का सफर करना पड़ता है।
आदि कैलाश, भारतीय-तिब्बत सीमा/ Adi Kailash, Indo-Tibetan Border
आदि कैलाश जिसे छोटा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा क्षेत्र है जो प्राकृतिक सुंदरता, शांति और शांति से भरा हुआ है और इसकी उपस्थिति तिब्बत में कैलाश पर्वत के समान है। आदि कैलाश का क्षेत्र भारतीय-तिब्बत सीमा के निकट है। आदि-कैलाश मार्गों पर ट्रेकिंग करने से लोगों को एक उपचारात्मक शांति मिलेगी, जो अपने भीतर की ओर पसन्द करने और अपने भीतर से हतोत्साहित करने के लिए अनुकूल होगी।
और पढ़ें: भगवान शिव और उनके उन्नीस अवतार/ Lord Shiva and his Nineteen Avatars

आदि-कैलाश ट्रेकिंग के दौरान, पर्यटक अन्नपूर्णा की बर्फीली चोटियों, काली नदी, घने जंगल, जंगली फूलों से भरे नारायण आश्रम और फलों की दुर्लभ विविधता और झरनों की विशाल भव्यता को देख सकते है।