भारत दुनिया में अपनी प्राकृतिक विवधता के लिए जाना जाता है। यह अपने पहाड़ों, समुद्र तटों, नदियों, झीलों और जंगलों जैसी उत्कृष्ट प्राकृतिक सुंदरता के मामले में एक समृद्ध राष्ट्र है। जब बात नदियों और पहाड़ो की आती है तो निश्चित ही उनमें सूंदर झरने भी रहते है। भारत को नदियों का देश जाता है और इन नदियों पर कई बड़े और विशाल झरने भी है जो दुनिया भर में जाने जाते है। इन प्राकृतिक जगहों पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। जैसे की जानते है की झरने देखने का सबसे अच्छा समय मानसून का होता है। यदि आप प्रकृति से प्रेम करते है और प्रकृति के अद्भुत नजरो का आनद उठाना चाहते है तो जरूर ही आप को देश के प्रमुख झरनो के बारे में जानना चाहिए।
जोग वाटरफॉल्स, कर्नाटक/ Jog Waterfalls, Karnataka
यह भारत का सबसे लोकप्रिय और दूसरा सबसे ऊंचाई से गिरने वाला वाटफॉल है, जोग वाटरफॉल्स कर्नाटक में शरावती नदी पर स्थित है, इस वॉटरफॉल में चार धराये अलग अलग बहती है। कर्नाटक का यह खंडित जलप्रपात एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण का केंद्र हैं। इस वॉटरफॉल को गेरसोप्पा जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता है, और इस जलप्रपात की ऊचाई लगभग 253 मीटर के आसपास है।
यह मेघालय के नोहकलिकाइ जलप्रपात के बाद भारत में दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात है।
शिवानासमुद्र वाटरफॉल, तमिलनाडु/ Shivanasamudra Waterfall, Tamil Nadu
तमिलनाडु राज्य का एक और जलप्रपात जिसका नाम शिवानासमुद्र जलप्रपात बहोत प्रचलित है और पर्यटकों की पसन्दीदार जगह में से एक है। जब कावेरी नदी दक्कन के पठार से होकर आगे की ओर बहती है तो कई खंडित धाराओं में विभाजित हो जाती है, और ऊचाई से गिरती है। इस वाटरफॉल की औसत चौड़ाई 305 मीटर और लगभग ऊंचाई 98 मीटर से भी अधिक है। यह मैसूर शहर से 77 कि.मी की दूरी पर स्थित है। इस वाटरफॉल के नाम का शाब्दिक अर्थ ‘शिव का सागर’ होता है।
यह मैसूर तथा बैंगलोर के पास का सबसे लोकप्रिय वाटरफॉल में से एक है, जहां पर्यटकों की वीकेंड लिस्ट में इसका नाम जरूर होता है, जहा मौज मस्ती करने और हफ्ते भर की थकान उतारने के लिए लोग आते हैं।
होगेनक्कल वाटरफॉल, तमिलनाडु/ Hogenakkal Waterfall, Tamil Nadu
दक्षिण भारत की गंगा कहे जाने वाली कावेरी नदी पर होगेनक्कल जलप्रपात स्थित है। यह तमिलनाडु प्रदेश के धर्मपुरी जिले के अंतर्गत आता है। इसे वाटरफॉल को “भारत का नियाग्रा” भी कहा जाता है।
होगेनक्कल जलप्रपात औषधीय स्नान और नाव की सवारी के लिए जाना जाता है। नाव की सवारी और चारों ओर से गिरते झरने प्रकृति के सूंदर नज़ारे के एक अच्छा उदहारण है। यह वॉटरफॉल तमिलनाडु के प्रमुख आकर्षण केन्द्रो में से एक है। यहाँ घूमने का सबसे अच्छा मौसम मानसून के बाद का होता है, जब नदी अपने पूरे उफान पर होती है।
अथिराप्पिल्ली वाटरफॉल, केरल/ Athirappilly Waterfall, Kerala
केरल राज्य के त्रिशूर जिले में अथिरापिल्ली पंचायत के अंतर्गत स्थित है जो भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर। अथिराप्पिल्ली जलप्रपात चलाकुद्य नदी पर स्थित है यह जलप्रपात अपने तेज गति से गिरने और अधिक शोर मचने वाले झरने के रूप में जाना जाता है।
यह वाझाचल वन प्रभाग और शोलायर पर्वतमाला के पास पश्चिम की ओर बहने वाली चालकुडी नदी पर स्थित है। इस झरने की ऊचाई लगभग 24 मीटर है।
अब्बी वॉटरफॉल, कर्नाटक/ Abby Waterfall, Karnataka
यह कर्नाटक राज्य के कोडगु जिला के मदिकेरी शहर से सिर्फ 8 किमी की दूरी पर स्थित, अभय जलप्रपात दक्षिण भारत के प्रसिद्ध झरनों में से एक है। यह एक निजी कॉफी और मसालों के बागानों की घनी झाड़ियों के बीच से गुजरने वाली एक सकरी नदी पर है।
इसका तेज बहाव पर्यावरण की शांति को भंग करने वाली गर्जनापूर्ण ध्वनि से आपको आश्चर्यचकित कर देता है। इस झरने के ठीक सामने एक लटकता हुआ पुल है जो पर्यटकों को इस झरने का अद्भुत दृश्य प्रदान करता है। पुल के दूसरी तरफ एक काली माता मंदिर भी है जहा आप दर्शन करने जा सकते है।
बेयर शोला वाटरफॉल, तमिलनाडु/ Bear Shola Waterfall, Tamil Nadu
तमिलनाडु के कोडाइकनाल बस स्टेशन से 3 किमी की दूरी पर, बेयर शोला नामक जलप्रपात एक आरक्षित वन के अंतर्गत आता है। ऐसा कहा जाता है कि भालू फॉल्स के ऊपर पानी पीते थे, इसलिए इसका नाम बेयर शोला पड़ गया। सितंबर और अक्टूबर के महीनों के दौरान मानसून के ठीक बाद फॉल्स सबसे अच्छे दृश्य देखने को मिलते हैं। इस झरने की ऊंचाई लगभग 40 फीट है और ऊपर से झाने का पानी एक छोटे से कुंड में गिरता है।
जब पानी का बहाव तेज ना हो तो यहां स्नान और तैरना सुरक्षित रहता है। इस स्थान तक रोड की सुविधा नहीं है मुख्य मार्ग से 10 मिनट का पैदल रास्ता है जिसकी सहायता से यहाँ तक पंहुचा जा सकता है। यह मानसून के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।
चेयप्पारा वाटरफॉल, केरल/ Cheyappara Waterfall, Kerala
चेयप्पारा जलप्रपात दक्षिण भारत का सबसे प्रसिद्ध जलप्रपात में से एक है, और कोच्चि-मदुरै राजमार्ग पर स्थित है। यह ऊचाई से सात चरणों में नीचे गिरता है जिसका नजारा बहोत ही अद्भुत होता है। झरने का अद्भुत नजारा देखने के साथ साथ यह स्थान चारों ओर हरियाली से घिरा हुआ है। जिन लोगो को ट्रैकिंग पसंद है उनके लिए भी यह स्थान बहोत ही उपयुक्त है। झरने का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय मानसून के दौरान होता है जब पानी नीचे गिर जाता है।
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इरुपु वॉटरफॉल, कर्नाटक/ Irupu Waterfall, Karnataka
इरुपु वॉटरफॉल कर्नाटक राज्य के कोडागु जिले में ब्रह्मगिरी रेंज में स्थित है, यह केरल के वायनाड जिले की सीमा से लगा हुआ है। इरुपु जलप्रपात की ऊचाई लगभग 60 मिटेर के आसपास है, इसके चारो और सूंदर प्राकृतिक नज़ारे देखने है। झरने को लक्ष्मण तीर्थ वाटरफॉल्स के नाम से भी जाना जाता है, जो कावेरी की सहायक नदी के नाम से लिया गया है। यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ तीर्थ स्थान भी है। यहाँ कई प्राचीन मंदिर है जिनमे शिव मंदिर, रामेश्वर मंदिर और लक्ष्मण तीर्थ नदी के तट पर स्थित है। शिवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है।
मीनमुट्टी वॉटरफॉल, केरल/ Meenmutty Waterfall, Kerala
घने जंगल से घिरा, मीनमुट्टी एक शानदार सुंदरता के साथ तीन-स्तर में गिरने वाला सीढ़ी नुमा झरना है। यह झरना केरल राज्य के वायनाड जिले में स्थित है। इसका नाम दो मलयालम शब्दों का एक मिश्रण से लिया गया है जिसमें मीन अर्थ मछली है और मुट्टी जिसका अर्थ अवरुद्ध है। इस आकर्षक के कारण झरने का बहाव एक आदर्श मछली पकड़ने की जगह है। इस जगह का नाम ऐसा इसलिए रखा गया क्यूं कि यहां कुछ प्राकृतिक कारणों के चलते मछलियां तैर नहीं पाती। यह झरना बहुत खतरनाक है क्योंकि यह बरसात के मौसम में बहुत सक्रिय रहता है और कई लोग अब तक इसमें डूब गए हैं।
पलारुवी वॉटरफॉल, केरल/ Palaruvi Waterfalls, Kerala
केरल राज्य के कोल्लम जिले में आर्यनकावु नामक स्थान पर पलारुवी वॉटरफॉल स्थित है। इसकी ऊचाई लगभग 300 फीट से भी अधिक है। यह तेनमाला के पहाड़ी क्षेत्र में एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
पलारुवी शब्द का हिंदी शाब्दिक अर्थ है ‘दूध की धारा’। इसकी झागदार जल धाराएं, चांदी के झरने जैसी लगती है। यह के शांत वातावरण में सिर्फ इस झरने की आवाज कानो में गूंजती है जो एक प्रकार का अलग अनुभव देती है। यह जलप्रपात देखने वालों की आंखों को प्रसन्न छा जाती मन हर्षित हो जाता है। इस झरने का परिवेश सदाबहार जंगलों से अच्छन्दित है जो एक दर्शक को अभिभूत कर देता है।