नागद्वार मेला पचमढ़ी 2021/ Nagdwar Fair Pachmarhi 2021
प्रति वर्ष यह मेला अगस्त माह में नागपंचमी के 11 दिन पहले से शुरु हो जाती है। सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के अंतर्गत आने वाला पचमढ़ी का क्षेत्र छिंदवाड़ा जिला एवं होशंगाबाद जिला है अत: दोनों जिलों की का प्रशासन इस यात्रा के लिए व्यवस्थाएं जुटाता है। सतपुड़ा के ऊंचे पेड, नदियां, पहाड़ एवं झरनों को पार करते हुए लगभग 12 km तक का ऊंची पहाड़ियों से गुजरते हुए यात्रा करना होता है। लौटने में यात्रियों को दो दिन लग जाते है। हर साल हजारो भक्त भगवान शेषनाग के यहां दर्शन करने आते है।
अमरनाथ जैसी कठिन यात्रा/ Arduous Journey Like Amarnath
वर्षा का मौसम अगस्त के माह में चरम पर होता है इसलिए आमतौर पर सीजन के मुताबिक यात्रियों को भारी बारिश का सामना करना पडता है। नागद्वार की यात्रा करना अमरनाथ जैसी कठिन और लम्बी मानी जाती है। यहाँ पर आपको दुर्गम रास्तो पर पैदल ही चलना है। यहाँ कोई भी घोड़े खच्चर की सुविधा भी उपलभ्ध नहीं है। नागद्वार के यात्रा करते समय अनेक उँचें पहाड़ और गुफाएं भी दिखाई देती हैं। जिसका अपना धार्मिक महत्व है।
यात्रा के दौरान रास्ते में देनवा नदी सहित करीब 20 छोटे-बड़े नाले पड़ते हैं। जिनको आपको पार करते हुए यहाँ तक जाना होता है। रास्ता दुर्गम और कठिन है लेकिन प्रकृति के बीच पैदल चलते हुए नागद्वार तक जाना आप के अंदर ऊर्जा भरते जाता है। नागद्वार की गुफा करीब 35 फीट लंबी है।
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पहाड़ियों के बीच नदियों से घिरा अद्भुत काजली गावों/ Amazing Kajli Villages Surrounded By Rivers Amidst Hills
नागद्वार तक पहुँचने के लिए पर्यटकों को अनेक ऊंची-नीची पहाडियों से चढना उतरना होता है। रास्ते में एक काजली गाँव पड़ता है जो चारों और से नदियों से घिरा हुआ ओर पहाडियों से ढाका हुआ है। ऊंचाई से देखने में यह गाँव इतना अद्भुत लगता मानो किसी चित्रकार ने यहाँ पर हर मकान, खेत नदियों को अपने रंगों से रंगा हो।
यहाँ काजली वन ग्राम में पहले कुछ आदिवासी परिवार बसते थे। जिन्हे पेंच टाइगर रिजर्व ने हटा दिया। अब नागद्वारी यात्रा में आने वालों के लिए यहाँ ठहरने की खास व्यवस्था की जाती है। प्रशासन की और से यहाँ 100 वाटरप्रुफ टेंट लगाये जाते है, इसके आलावा जगह-जगह डस्टबिन और शौचालय की व्यवस्था की जाती है।
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नागद्वार यात्रा के पड़ाव/ Nagdwar Tour Stops
किसी भी रास्ते से आएं आपको पचमढ़ी तक पहुँचना ही होगा। क्योंकि मुख्य पड़ाव पचमढ़ी ही है और यात्रा की शुरुआत यहीं से होती है।
नागद्वार यात्रा में आपको पद्मशेष मंदिर, पश्चिमद्वार, स्वर्गद्वार, चित्रशाला, अग्निद्वार, नागिनीपद्मिनी, चिंतामणि, गंगावणेश, श्रवणबोध, हलदीश, गुलेश, दादा धूनीवाले, नंदीगढ़, निशांगध, राजगिरि, देखने मिलती है जो बहुत ज्यादा आकर्षक है। नागद्वार में आपको प्रकृति स्थल, हरियाली, प्राकृतिक दृश्य, झरने, पर्वत धाराएं और दुर्लभ वन्यजीव हैं।
नागद्वार की कठिन यात्रा की मान्यता/ Recognition Of The Difficult Journey Of Nagdwar
इस स्थान को नाग राज की दुनिया भी कहा जाता है। वैसे भी हमारे देश में किसी खास मौसम में की जाने वाली यात्रा का कोई ना कोई महत्व होता है या उसके पीछे कुछ कहानियाँ होती है। इस यात्रा का किसी पुराण या किसी भी धार्मिक पुस्तक से कोई लेना देना नहीं है। इसकी बस इतनी ही मान्यता है की काजली गाँव में रहने वाली एक महिला ने पुत्र प्राप्ति के लिए नागराज को काजल लगाने की मन्नत की थी।
पुत्र प्राप्ति के बाद वह काजल लगाने पहुँची तो नागराज का विशाल रुप देखकर मोक्ष को प्राप्त हो गई। ये यात्रा लगभग 100 साल से शुरु हुई है और प्रति वर्ष नागपंचमी के समय मेला लगता है।
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नागदेव की मूर्तियां/ Idols Of Nagdev
नागद्वारी के अंदर चिंतामणि की गुफा है। यह गुफा 100 फीट लंबी है। इस गुफा में नागदेव की कई मूर्तियां हैं। स्वर्ग द्वार चिंतामणि गुफा से लगभग आधा किमी की दूरी पर एक गुफा में स्थित है। स्वर्ग द्वार में भी नागदेव की मूर्तियाँ हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नागद्वार जाते हैं, उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
नागद्वारी की यात्रा करते समय आपको रास्ते में कई जहरीले सांपों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन राहत की बात यह है कि ये सांप भक्तों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। नागद्वारी मंदिर की गुफा करीब 35 फीट लंबी है।
एडवेंचर और प्रकृति प्रेम के शौकीन हैं तो यहां अवश्य जाये/ If You Are Fond Of Adventure And Love Of Nature, Then Definitely Go Here
अगर आप सभी कुछ एडवेंचर और प्रकृति के बीच कुछ नया देखना चाहते है तो इस यात्रा को जरुर करें। घने जंगल, ऊंची चोटियों के बीच कल कल करती नदियों और झरनों का आकर्षण आपके मन को मोह लेगा।
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आप चाहे तो वहाँ के आदिवासियों के अपने साथ गाइड के रुप में और अपना सामान लेकर चलने के लिए रख सकते है। कुछ शुल्क दे देंगे तो वो आपका यात्रा के दौरान हंसी खुशी से सहयोग करेंगे।