पानी के श्रोत तो बहोत देखे होंगे लेकिन गर्म पानी के श्रोत बहोत ही काम देखे और सुने होंगे। शायद यह जान कर आश्चर्य होगा की मध्य प्रदेश में सतपुड़ा और अमरकंटक पर्वत श्रंखला के अंतर्गत अनेक गर्म पानी के श्रोत मौजूद है। जंगल और दुर्गम रास्तो की वजह से इनमे से हर किसी तक पहुंचना आसान नहीं है। परन्तु फिर भी लोग इन स्थानों तक जाते है क्यों की मान्यताओं के अनुसार गर्म पानी के कुंड में स्नान मात्र से शरीर की अनेक बीमारिया ख़तम हो जाती है। इनमे से कुछ प्रमुख-
अनहोनी, छिंदवाड़ा/ Anhoni, Chhindwara
मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत पचमढ़ी के घने जंगलो के बीच अनहोनी नमक ग्राम में प्राकृतिक गर्म पानी का श्रोत है। जिसमे उबलता हुआ गर्म पानी बहार निकलते रहता है। अनहोनी गाँव छिंदवाड़ा जिले में, छिंदवाड़ा से पिपरिया रोड पर झिरपा नामक गाँव से 2 मील की दूरी पर है। अनहोनी एक छोटा खूबसूरत सुदूर जंगल का गाँव है। अनहोनी अपने उबलते हुए पानी के कुंड के लिए जाना जाता है।
एक अध्ययन के उद्देश्य से लगभग 600 मीटर की गहराई तक यहां ड्रिल किए गए थे। जिस से पता चला है की इस क्षेत्र के भूगर्भ में सल्फर की बहोत अधिक मात्रा है जिसकी वजह से इस स्थान पर गर्म पानी निकलता है।
और पढ़ें: तामिया, छिंदवाड़ा का स्वर्ग/ Tamia, Paradise Of Chhindwara
यहाँ प्राचीन मंदिर भी है और इस गर्म पानी के श्रोत के पास एक कुंड का निर्माण कर दिया गया है। मान्यता है की इस कुंड में स्नान करने से त्वचा सम्बंधित रोग दूर हो जाते है। यह सतपुड़ा के घने जंगलो का क्षेत्र है, धार्मिक आस्था रखने वाले और पर्यावरण प्रेमी के लिए यह एक उपयुक्त स्थान है। पचमढ़ी के हिल स्टेशन में रहकर यहां आसानी से भ्रमण किया जा सकता है।
छोटी अन्होनी, डोकरी खेड़ा पिपरिया / Choti Anhoni, Dokri Kheda Pipariya
पिपरिया के पास डोकरी खेड़ा नमक स्थान पर हैंडपंप से गर्म पानी निकलता है। ब्रिटिश काल से ही इस स्थान पर कुंड निर्मित है। बड़ी संख्या में लोग यहाँ आ के स्नान करते है जिस से त्वचा सम्बंधित ख़त्म हो जाते है।
छोटी अन्होनी में स्थित हैंडपंप के पास यदि कागज लगाया जाता है तो उसमे तुरंत आग लग जाती है। सम्भवतः इसमें गर्म पानी के साथ प्राकृतिक गैस भी बहार निकलती होगी।
और पढ़ें: भारत की 7 प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएँ/ 7 Major Mountain Ranges Of India
फतेहपुर, पिपरिया जिला होशंगाबाद / Fatehpur, Pipariya District Hoshangabad
फतेहपुर जो की तहसील पिपरिया जिला होशंगाबाद के अंतर्गत आता है। वह भी गर्म पानी का स्श्रोत है, लेकिन इस जगह से बहोत ही काम लोग अवगत है। इसका कारण यहाँ है की यह स्थान अब तक आम लोगो की पहुंच से दूर रहा है। निश्चित रूप से भूगर्भ में सल्फर की अधिकता से यहाँ गर्म पानी निकलता है। इसमें पानी इतना गर्म रहता है की हाथ जल जाये। पिपरिया रेलवे स्टेशन से फतेहपुर तक सुगम मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।
चावल पानी, पचमढ़ी/Chawal Pani, Pachmarhi
सतपुड़ा के पचमढ़ी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला स्थान चावल-पानी गर्म पानी के कुंड के लिए जाना जाता है। यह पचमढ़ी हिल स्टेशन के करीब है, साथ ही यह अनहोनी जो की गर्म पानी के कुंड का सब से प्रसिद्ध स्थल है वह भी इस एरिया के अंतर्गत आता है।
यहाँ पानी इतना गर्म होता है की इसमें चावल पकाया जा सकता है इसलिए इसका नाम चावल पानी पड़ा है। पचमढ़ी भारत के मध्य क्षेत्र का एकमात्र हिल स्टेशन है और पचमढ़ी बायोस्फीयर प्रिजर्व के भीतर स्थित है, जो की एक बड़े वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में आता है।
और पढ़ें: पातालकोट, छिंदवाड़ा का पाताललोक/Patalkot, The Hades of Chhindwara
बबेहा, मंडला/ Babeha, Mandla
मंडला जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर ग्राम बबेहा में गर्म पानी का एक कुआ है, जिसमें हमेशा साल भर गर्म पानी रहता है। यह स्थान नर्मदा नदी के समीप और बरगी डैम के बैक वाटर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहाँ चारो ओर पानी फैला हुआ रहता है बिच में एक मानव निर्मित टापू जहा पर एक विशाल कुआँ बनाया गया है जिसमे हमेशा गर्म पानी रहता है चाहे जो भी मौसम हो।
इस कुंड में स्नान करने से कई प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। मंडला वन्य जीवन प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है और विश्व प्रसिद्ध बाघ अभयारण्य, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, मंडला जिले में ही स्थित है। इसमें दुनिया की सबसे बड़ी बाघ आबादी रहती है।
और पढ़ें:मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियाँ/Madhya Pradesh Ki Pramukh Nadiya
धुनी पानी, अमरकंटक/ Dhuni Pani, Amarkantak
धूनी पानी अमरकंटक के जंगल में एक गर्म पानी का झरना है। इसे पवित्र गर्म पानी माना जाता है, भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि झरने के पानी में अमृत जैसे गुण होते हैं, जिसके कारण लोग घातक बीमारियों से ठीक होकर यहां वापस चले जाते हैं। धूनी-पानी गर्म पानी के झरने तक पहुँचने के लिए अमरकंटक से कुछ घंटों के लिए पैदल चलना पड़ता है, जो घने जंगल में एक दूरस्थ स्थान है, और नए लोगो के लिए जंगल खतरनाक होने के कारण एक गाइड की आवश्यकता पड़ती है।
अमरकंटक मैकल पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों में स्थित एक धार्मिक तीर्थस्थल है। अमरकंटक हिंदुओं के लिए इतना पवित्र है कि इसे ‘निर्वाण’ का प्रवेश द्वार माना जाता है।