भोपाल की झीलें/ Lakes Of Bhopal

Incredible India | Upper Lake and Lower Lake

भोपाल झीलों का शहर है, इसमें कोई दो राय नहीं और जिन्होंने देखा नहीं उसमे अपनी लगती नहीं। यहाँ पर अनेक छोटी-बड़ी नयी-पुराणी झीले है, जो शहर की खूबसूरती हर हिस्से में बरक़रार रखती है। सबका अपना अलग-अलग महत्व है, और इतिहास भी। आओ जाने भोपाल की झीलों के बारे में विस्तार पूर्वक:

बड़ी झील (भोजताल)/ Upper Lake (Bhojtal)

भोजताल (बड़ी झील) को पवार वंश के परमप्रतापी राजा भोज ने लगभग 1000 साल पूर्व बनवाया था। कहावतों और इतिहास से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजा भोज त्वचा से सम्बंधित रोग से पीड़ित थे, जो राज्य के सभी वैद्य या चिकित्सक उस रोग को ठीक करने में असमर्थ रहे थे। तब एक दिन एक संत ने राजा भोज से कहा कि, वह 365 सहायक नदियों को मिलाने के लिए एक ताल का निर्माण करवाये। फिर उसमें स्नान कर त्वचा सम्बन्धी रोज से मुक्ति प्राप्त कर सकते है। राजा ने तुरंत अपने मंत्रियो को आदेश दे कर एक तालाब का निर्माण कराया, जिसे हम बड़े झील (बड़ा तालाब) या भोज ताल क रूप में जानते है।

झील के निर्माण के बाद राजा ने अपने रोगो से मुक्ति प्राप्त कर ली। बड़ी झील एशिया की सबसे पुराणी और आकर बड़ी मानव निर्मित  झील है। मार्च 2011 में इसका नाम बदलकर इसे बनाने वाले महान राजा, राजा भोज के नाम पर भोजताल कर दिया गया। यहाँ पर राजा भोज की एक विशाल प्रतिमा भी लगवाई गई, जोकि VIP रोड  से गुजरते समय देख सकते है।

बड़ी झील का पैदल मार्ग बहोत ही सूंदर है, यहाँ बने हुए पार्क से झील के किनारो का सफर और भी आकर्षक और यादगार बनाते है। यदि आपको फोटोग्राफी में रूचि है, तो फिर बड़ा तालाब आप के लिए बहोत ही अच्छी जगह है। 

झील के केंद्र में एक स्थानीय मुस्लिम संत की दरगाह भी है जिसका नाम शाह अली शाह के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रदेश पर्यटन के द्वारा बड़ी झील पर एक बोट क्लब चलाता है, जिसमें नौकायन, पैडल बोट और मोटर बोट की सुविधा है।

छोटी झील (छोटा तालाब)/ Lower Lake (Small Pond)

छोटा तालाब भोपाल की दूसरी सबसे बड़ी झील है, जो बड़ी झील के साथ जुडी हुई है। इन दोनों का विभाजन भोज सेतु कमला पार्क से होता है, कहा जाता है की   1794 , झील का निर्माण शहर को और सूंदर बनाने  के लिए नवाब हयात मुहम्मद खान बहादुर के एक विशेष मंत्री छोटे खान द्वारा किया गया था।

File:Lower Lake Bhopal.jpg - Wikimedia Commons

निचली झील शहर के पुराने हिस्से में स्थित है इसका जलग्रहण क्षेत्र लगभग 9.6 वर्ग किमी है, इस झील की वर्तमान में अधिकतम गहराई 10.7 मी है। यह झील, बड़ी झील के पूर्व दिशा में स्थित है। छोटी झील के किनारे से लगे हुए पार्क कमला और करिश्मा पार्क है, जो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगते है। 

जब कभी भोपाल में झील के आसपास शाम की सैर करोगे और सूर्यास्त का दृश्य होगा तो वह दिन निश्चित ही यादगार बन जायेगा है। निचली झील के पास में एक मछली के आकार का मछलीघर भी है, जिसमें बड़ी संख्या में अनेको प्रकार की रंगीन मछली हैं।

शाहपुरा झील/ Shahpura Lake

साल 1974-1975 के दौरान मध्यप्रदेश शासन द्वारा शाहपुरा जलाशय का निर्माण कराया गया था। यह झील 8.29 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली हुई है। झील के पानी का मुख्य उपयोग आवासीय कॉलोनी के पेय जल की पूर्ति करता है साथ ही इसका पानी, सिंचाई उद्देश्यों को पूरा करना भी है। यह भोपाल में मौजूद मानव निर्मित जलस्रोतों में से ही एक है।

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यह स्थान शाम के समय बहोत ही शांत रहता है। यदि आप वास्तव में विश्राम करना चाहते हैं, तो आप अपने सब काम छोड़ के शाहपुरा  झील स्थल पर अवश्य जाएं। शाम के समय यहाँ का वातावरण वास्तव में अच्छा होता है। आप इस झील के आसपास सुबह की सैर भी कर सकते हैं।

मोतिया तालाब (झील)/ Motia Pond (Lake)

इसे एशिया और देश की सबसे विशाल मस्जिद के पास में स्थित है।  यही पर ताज-उल-मस्जिद है, और यह तालाब शाम/रात के समय में मस्जिद की शोभा को और बढ़ाता है। भोपाल शहर के शाहजहाँबाद में इस प्रसिद्ध मोतिया तालाब का निर्माण साल 1899 में, यहाँ के नवाब शाहजाह बेगम ने ताज-उल-मस्जिद में नमाज़ अदा करने से पहले बुजू करने के किया गया था।

यह एक तरफ से ताज-उल-मस्जिद और दूसरे से ताजमहल नमक इमारत से घिरा हुआ है।  

नवाब सिद्दीकी हसन खान झील/Nawab Siddiqui Hasan Khan Lake

इस तालाब का नाम शाहजहाँ बेगम के पति नवाब सिद्दीकी हसन के नाम पर रखा गया है। यह मोतिया तालाब के तीन तालाबों में से एक है, जो ताज-उल-मस्जिद के पास है। यह तालाब सड़क के किनारे स्थित है, और राहगीरों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

मुंशी हुसैन खान झील/ Munshi Hussain Khan Lake

Bhopal - Taj-ul-masajid and the Munshi Hussain Khan Talab... | Facebook

भोपाल नवाब काल के दौर में एक जागीरदार या प्रशासन अधिकारी के नाम पर इस तालाब का नाम रखा गया है। मुंशी हुसैन खान तालाब भी मोतिया तालाब के तीन तालाबों में से एक का हिस्सा है। इन झीलों को अनेक स्तर पर रखा गया था ताकि इनका का पानी हमेशा निचले स्तर की झील में बह सके।

लेंदिया झील/ Lendia Lake

नवाब काल के दौरान टीला जमालपुरा और सुल्तानिया के स्थानीय लोगो के पेय जल आपूर्ति के उपयोग हेतु इस तालाब का निर्माण करवाया गया था। उनके इस निर्माण के से समझ में आता है, की वे जनता के प्रति कितने उदार थे।

जवाहर बाल उद्यान झील/ Jawahar Children’s Garden Lake

यहाँ चार इमली पहाड़ी के किनारे स्थित है। जवाहर बाल उद्यान झील का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए बहोत प्रसिद्ध है। इस झील का संस्कृति महत्व है, क्युकी यहाँ पर अनेक ऎतिहासिक मंदिर है, जैसे हनुमान जी  मंदिर, गणेश मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर आदि।

Jawahar Bal Udyan, Shivaji Nagar - Parks in Bhopal - Justdial

ये मंदिर हमारी सांस्कृतिक और सभ्यता को बनाये रखते है। यहाँ अनेक सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियाँ त्योहारों के दौरान होती हैं।

सारंगपानी झील/ Sarangapani Lake

बड़े तालाब और छोटे तालाब के बाद में राजधानी की तीसरी झील के रूप में भेल (पिपलानी) की सारंगपाणी झील को माना जाता था। लेकिन देख रेख की कमी होने के कारण अब इसका अस्तित्व लगभग खत्म होता जा रहा है। सारंगपानी झील शहर में भेल क्षेत्र के मध्य स्थित है। वर्ष 2015 में जापान सरकार ने 12 झीलों के संरक्षण की मंजूरी भी दी थी, जिसमें सारंगपाणी भी शामिल थी।

Shahpura Lake Water Shed Throttling Preparations - पानी बहाकर शाहपुरा झील  का गला घोंटने की तैयारी | Patrika News

यह झील लगभग 100 साल से भी अधिक पुरानी है। प्राचीन समय में इसके पानी का उपयोग सिचाई के लिए किया जाता था। सारंगपाणी झील की अब समय-समय पर सफाई कराई जा रही है, पौधे भी लगाए गए हैं। अब इसकी देख रेख भेल के अधीन है।

मैनिट झील/ Manit Lake

मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के पीछे मैनिट झील स्थित है। इसे मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) झील के नाम से भी जानते है। यहाँ इस क्षेत्र में कृषि उपयोग के लिए केंद्र बनवाया था, जिसके लिए पानी की आवशयकता थी, इसलिए इसका निर्माण करवाय गया था।

मानसून के दौरान यहाँ कलियासोत बांध का पानी भी प्रवेश कर जाता है। मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों का यहाँ बहोत पसंदीदा स्थान है।

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