जल जीवन की महत्वपूर्ण हिस्सा है, लगभग 65 से 70 % एक व्यस्क शरीर पानी से बनता है। प्रत्येक जीवित कोशिका को क्रियाशील रखने के लिए जल की आवश्यकता होती है। सामान्य परिस्थितियों में, मानव शरीर केवल तीन या चार दिन पानी के बिना जीवित रह सकता है। हमें जीवित रखने के लिए पानी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
यह बहोत सी जगह आसानी से मिलता है लेकिन आज भी दुनिया भर में ऐसे लाखों लोग हैं जिनके पास पीने तक के लिए साफ पानी नहीं है। जल जीवन के निर्माण अखंड इकाई है।
यह हर घर में बहार लगे नल या छत के ऊपर रखी हुई टंकी में आता है, कोई पानी के बारे में पूछे कितना अजीब सा लगेगा लेकिन, दुनिया में आज भी कई ऐसे देश है जहाँ आज तक लोगो शुद्ध पानी पिने के लिए नहीं मिलता। सोचो कितने खुस नशीब है हम।
जल दिवस का इतिहास/ History of Water Day
सम्पूर्ण विश्व में पिने के पानी की समस्या को देखते हुए सयुक्त राष्ट्र संघ ने सर्वप्रथम साल 1992 में विश्व जल दिवस का प्रस्ताव रखा, जो की पहले सिर्फ अमेरका के लिए था, लेकिन बाद में ऐसे सभी देशो के लिए लागु कर दिया गया। यह एक अत्यंत दुखद लेकिन सत्य है: आज के समय दुनिया भर में लगभग 80 करोड़ लोग ऐसे है जिनके पास अभी भी शुद्ध पीने का पानी उपलभ्ध नहीं है।
इस मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सयुक्त राष्ट्र संघ निरंतर प्रयास रत्न है। यह बुनियादी मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सुलभ विकल्पों की कमी के कारण एक त्रासदी के सामान है।
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दुनिया भर के लोग कम पानी और अशुद्ध पानी की समस्या से उभरने के लिए साथ ही बेहतर स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने के लिए सयुक्त राष्ट्र संघ प्रयास करता हैं।
जल दिवस की शुरुआत/ Start Of Water Day
पहला जल दिवस 1992 के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पर्यावरण और विकास के एजेंडा 22 में प्रस्तावित किया गया था। उसी वर्ष दिसंबर में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प अपनाया कि प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को जल दिवस आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य है की पानी से जुड़े मुद्दों पर सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए समर्पित है जो कि लगभग हर विश्व के हर देश में मनाया जाता हैं।
विश्व जल दिवस का लक्ष्य उन लोगों को सहयोग और सुविधा प्रदान करना है, जिन्हे इसकी आवश्यकता है। सबसे पहले साल 1992 में विश्व जल दिवस की प्रस्तावना दी गई, साल 1993 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला विश्व जल दिवस पहली बार आयोजित किया गया है।
जल प्राकृतिक संसाधन और पृथ्वी का मुख्य घटक है। यह व्यापक रूप से घरेलू और औद्योगिक उपयोग दोनों के लिए उपयोग किया जाता है जैसे कि पीने, धोने, खाना पकाने आदि। पृथ्वी को पानी की उपस्थिति की विशालता के कारण नीले ग्रह के रूप में भी जाना जाता है।
पानी के विभिन्न स्रोत हैं जैसे कुएँ, नदियाँ, झीलें, महासागर, बड़े बाँध और धाराएँ, लेकिन केवल 1-2% पानी ही मानव उपयोग के लिए उपयुक्त है।
विश्व जल दिवस 22 मार्च 2021/ World Water Day 22 March 2021
विश्व जल दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है जो स्वच्छ, सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता बनाये रखने के वैश्विक मुद्दों को देखता है।
1993 से हर साल 22 मार्च को आयोजित होने वाला विश्व जल दिवस, पिने के शुद्ध पानी के महत्व पर केंद्रित है। 2021 का जल दिवस, जल और जलवायु परिवर्तन के बीच की कड़ी से सम्बंधित है और इन दोनों को कैसे जुड़े, पर ध्यान केंद्रित है।
विश्व जल दिवस कैसे मनाये/ How to celebrate World Water Day
1. अपने घर और स्थानीय जल स्रोत को साफ करें/ Clean Your House and Local Water Source
एक छोटा सा कार्य इस दिन किया सकता है जो की जल श्रोतो को साफ सफाई। जयादा कुछ न हो सके तो काम से काम घर पर उपलब्ध पानी की टंकी या कोई अन्य चीज जिसमे पानी रखते है उसे साफ कर है।
जिम्मेदारिया तो बहोत है सरे नदी तालाब इंसानो ने ही गंदे किये है, जनता हु इतना तो कोई नहीं करेगा लेकिन अगर सोच भी लिया इस बारे में तो बहोत ही सकारात्मक बात होगी।
2. अपने दैनिक जीवन में पानी काम इस्तेमाल करने की सोचे/ Think of Using Water in Your Daily Life
जैसे की पानी के बिना कोई काम नहीं होता, सारे दैनिक कार्य बिना पानी के नहीं हो सकते। प्रतिदिन औसतन सैकड़ो लीटर पानी का उपयोग करते है, यदि इस जल दिवस से थोड़ा परिवर्तन किया जाये तो प्रति दिन 5-6 लीटर पानी तो बचाया ही जा सकता है।
थोड़ा मन को भी अच्छा लगेगा की चलो कुछ तो अच्छा किया प्रकृति के लिए।
3. लोगो को जागरूक करे/ Make People Aware
इंसान सर्वज्ञानी होने के बाद में भी उसी के फायदे के लिए जागरूकता फैलानी पड़ती है, यह बिलकुल सर्म वाली बात है पर सच है। जागरूकता के लिए अधिक से अधिक लोगो को समझाए।
विश्व जल दिवस का क्या महत्व है/ What is The Importance Of World Water Day
1. शुद्ध जल बिन लाखो लोग प्रभावित है/ Millions of People Are Affected Without Pure Water
एक अनुमान के अनुसार दुनिया में लगभग 80 करोड़ लोग आज भी शुद्ध पानी से वंचित है इस प्रकार यह एक ग्लोबल मुद्दा बन जाता है। दुसित पानी की वजह से हर साल लाखो लोगो को मौत अनेक प्रकार की जान लेवा बीमारी की वजह से हो जाती है। अशुद्ध जल की समस्या दुनिया की सब से बड़ी समस्याओ में से एक है।
2. प्रदूषित जल का पर्यावरण पर प्रभाव/ Impact of Polluted Water on Environment
आज के समय में दूषित जल की समस्या सब के लिए बानी हुई है। जल के प्रदुषण से हर साल लाखो प्रजातियां विलुप्त होते जा रही है, जिसका सीधा प्रभाव पयावरण पर पड़ता है। जल के प्रदुषण का स्तर बहोत बाद गया है जिस कारन इन्हे मजबूरन दूषित जल में रहना पड़ता है, जिसके परिणाम स्वरूप इन पर प्रभाव पड़ता है।
3. पानी की समस्या अन्य मुद्दों से संबंधित है/ Water Problem Is Related To Other Issues
विश्व जल दिवस की एक वार्षिक थीम है, जैसे “प्रकृति के लिए पानी”, जो हमारे जल संकटों के लिए प्राकृतिक समाधान खोजने के लिए समर्पित है। जिन पर्यावरणीय समस्याओं का हम सामना कर रहे हैं, उनमें से बहुत सी समस्याएं हैं – जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र का क्षरण, और कभी-कभी प्रत्यक्ष कारण, जल प्रदूषण, बाढ़ और सूखे के कारण।
छोटे बदलाव जो आप ला सकते है/ Small Changes You Can Make
अपनी दिनचर्या में पानी के संरक्षण के तरीकों का अभ्यास प्रयोग करके आप विश्व जल दिवस मना सकते हैं। पानी के संरक्षण के लिए कुछ महत्वपूर्ण और आसान तरीके अपना सकते है जैसे की-
• उपयोग न होने पर नल को बंद रखे और किसी भी प्रकार के पानी के रिसाव को अनदेखा न करें।
• आवश्यकतानुसार विभिन्न प्रयोजनों के लिए एकत्रित वर्षा जल का उपयोग करें।
• रोजाना काम करते समय जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल ना करे।
• अपने स्नान करने का समय को लम्बा न करें, जल्दी स्नान करें।
• बरसात के पानी के संचयन का अभ्यास करें।