पचमढ़ी में घूमने की प्रमुख जगह 2023/ Top places to visit in Pachmarhi 2023

मध्यप्रदेश में सतपुड़ा पर्वत माला का प्रमुख हिल स्टेशन पचमढ़ी अपने भीतर कई प्रकृति के खजानों को छुपाये हुए है। यहाँ जंगल, पहाड़, नदी, झरने, गुफा और मंदिरो की कमी नहीं है। पचमढ़ी में हर तरह के पर्यटकों के लिए धूमने और देखने योग्य स्थान है। सिर्फ बरसात के कुछ महीनों को छोड़ यहाँ कभी भी परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टी बिताने जा सकते है। शहर से दूर शांत और शुद्ध हवा आप को यहाँ आने पर तरो-तजा कर देगी, जरूर जाये और फोटोग्राप्स में खुशियों के साथ प्रकृति की खूबसूरती कैद करे। पचमढ़ी के प्रमुख पर्यटक स्थल इस प्रकार है:

पचमढ़ी के प्रमुख जलप्रपात/ Popular Waterfall In Pachandai

बी फॉल्स/ Bee Falls

सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी एक ऐसा स्थान है, जहाँ कई आश्चर्यजनक झरने बहते है। पचमढ़ी क्षेत्र का बी फॉल्स एक प्रमुख जलप्रपात पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। झरने की ऊचाई लगभग 300 फीट से अधिक है। पहाड़ी से गिरता पानी बूंदो में बिखर जाता है, जो तेजी से निचे की ओर गिरते है। यदि इस झरने में स्नान किया जाये तो इसकी बुँदे शरीर पर ऐसे लगती है मानो मधुमक्खी शरीर पर काट रही हो इसलिए इसका नाम बी फाल्स रखा गया है।

रजत प्रताप/सिल्वर वॉटरफॉल/ Rajat Pratap / Silver Waterfall

रजत प्रपात या सिल्वर वॉटरफॉल अप्सरा विहार से कुछ ही दुरी पर स्थित है, यह तक पहुंचने के लिए पैदल कच्ची रास्तो से होकर जाना पड़ता है। रजत प्रपात प्रदेश के सबसे ऊंचे झरनो में से एक है, इस वॉटरफॉल की उचाई लगभग 350 मीटर से भी अधिक है। हरी-भरी झाड़ियों के बिच उचाई से पतली धार के रूप में गिरता पानी चाँदी की तरह चमकता है, इसलिए इसे रजत प्रपात या  वॉटरफॉल कहते है। इस वॉटरफॉल तक पंहुचा नहीं जा सकता बस इसका दूर से दीदार किया जा सकता है।

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अप्सरा विहार/ Apsara Vihar

अप्सरा विहार एक छोटा, सुंदर और शांतिपूर्ण झरना है जो पचमढ़ी जंगल के जंगलो के बिच बहता है। इसकी उचाई लगभग 30 फीट की है, और इसके आधार पर साफ सुत्रे पानी का पूल बनाता है, जहाँ पहले के समय में अंग्रेजों की बीवियां जाया करती थी। इस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी लोगों की नजरों में वे किसी अप्सरा से कम नहीं हुआ करती थी इसलिए इस स्थान का नाम अप्सरा विहार रखा गया है। इस स्थान के पास में एक अन्य देखने योग्य स्थान है, जिसका नाम पांचाली कुंड है। यहाँ पर पांच छोटे-छोटे कुंड बने हुए है।  

पचमढ़ी में सबसे ऊंची पर्वत चोटियाँ/ Highest mountain peaks in Pachmarhi

धूपगढ़/ Dhoopgarh

यह सतपुड़ा पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी होने के साथ-साथ यह मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची है, जिसकी ऊचाई लगभग 1352 मीटर के आसपास है। यह स्थान पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच समान रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों के लुभावने सुंदर दृश्य के लिए बहोत प्रसिद्ध है। अक्सर पर्यटक यहाँ सूर्योदय के समय तो कम ही पहुँच पते है, लेकिन पचमढ़ी आने वाला हर पर्यटक यह के सूर्यास्त का दीदार किये बीना नहीं जाता।  धूपगढ़ पचमढ़ी बस स्टेशन से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

चौरागढ़ मंदिर/ Chauragarh Temple

पचमढ़ी की सबसे ऊँची छोटी में से एक चौरागढ़ मंदिर भगवान शिवजी को समर्पित है। यह पवित्र स्थल समुद्र तल से लगभग 1,330 मीटर की प्रभावशाली ऊंचाई पर स्थित है। पचमढ़ी आपको कई धार्मिक स्थल देखने मिलेंगे इनमे यह एक प्रमुख मंदिर है, इस मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन चढाई करनी होती है, लेकिन सभी बाधाओं के बाद भी बाबा के भक्त उन तक पहुंच ही जाते है।

यह मंदिर धार्मिक और प्रकृति दृस्टि से महत्वपूर्ण है, क्योकि यहाँ से दिखाई देने वाली प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत होती है। नाग पंचमी और महा शिवरात्रि के दौरान यहाँ मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे लाखो की संख्या में भक्त यहाँ आ के भगवान शिव को त्रिसूल चढ़ाते है।

महादेव हिल्स/ Mahadev Hills

सतपुड़ा पर्वत माला में महादेव हिल्स प्रमुख है, जो पचमढ़ी से लगभग 35 किलोमीटर की दुरी पर है। घने और विशाल जांगले के बिच यह एक शांत क्षेत्र है, सभी पर्यटक यह नहीं पहुंच पाते परन्तु यहाँ नागपंचमी के समय मेले का आयोजन होता है तब यह लाखो की संख्या में श्रद्धालु आते है।

यह के जंगलो में एक प्राचीन शिवजी का मंदिर है, साथ ही कुछ गुफाये भी है। इस स्थान तक पहुंचने के लये अधितर पैदल ही सफर करना होता है, लेकिन यहाँ पहुंचने पर जो दृश्य देखने मिलते है उनसे आप की सारी थकन मिट जाती है।  

पचमढ़ी की प्रमुख गुफाएं/ Main caves of Pachmarhi

रीचगढ़/ Reachgarh

सतपुड़ा पर्वत माला के अंतर्गत आने वाले पचमढ़ी के आसपास अनेक बड़ी छोटी गुफाये है, इनमे से एक गुफा जिसका नाम “रीचगढ़” है। यह नाम एक विशाल गुफा को दिया गया है। स्थानीय लोगो के अनुसार इस गुफा में एक विशाल भालू निवास करता था जिसे हिंदी में रीच कहा जाता है, इस लिए इसे रीचगढ़ कहा जाता है। यह पचमढ़ी बस स्टेशन रीचगढ़ से पांच किलोमीटर की दुरी पर है, यहाँ पहुंचने लिए थोड़ा पैदल भी चलना पड़ता है। 

जटा शंकर गुफाएं/ Jata Shankar Caves

सतपुड़ा पर्वत श्रंखला और पचमढ़ी भगवान शिव को समर्पित है, यहाँ अनेक मंदिर और गुफाये है जिनमे बाबा भोलेनाथ विराजमान है। पचमढ़ी में स्थित जटा शंकर गुफा का सम्बन्ध पौरान्विक कथाओं में भी मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं में भगवान शिव भस्मासुर के क्रोध से बचने के लिए आये थे, जब भस्मासुर उसका पीछा कर रहा था।

इन गुफाओं का नाम इस तथ्य से आता है कि उनकी ग्रेनाइट संरचना भगवान शिव के उलझे बालों की तरह दिखाई देते है। इसलिए इस गुफा का नाम जटाशंकर पड़ गया। ये गुफाये पचमढ़ी बस स्टेशन से 1.5 किलोमीटर दूर है जहाँ आसानी से पंहुचा जा सकता है।  

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पांडव गुफाएं/ Pandava Caves

पांडव गुफाये कई गुफाओं का समूह है, जो एक पहाड़ी पर उकेरी गई है। इन गुफाओ का सम्बन्थ बौद्ध धर्म से भी बताया जाता है। इन गुफाओ की पहाड़ी से पचमढ़ी का सुन्दर दृश्य दिखाई देता है। साथ ही यहाँ एक बहोत ही खूबसूरत गार्डन भी है। यह स्थान पचमढ़ी के प्रमुख आकर्षण के केंद्र में से एक है।

इन गुफाओ का निर्माण नौवीं शताब्दी में किया गया था और उनके आंतरिक भाग में कुछ आश्चर्यजनक कलाकृतियाँ और अलंकरण देख सकते है। पांडव गुफाएं पचमढ़ी बस स्टेशन सेलगभग 2 किमी दूर पर स्थित हैं, जहाँ  पंहुचा जा सकता है।

बड़ा महादेव/ Bada Mahadev

पचमढ़ी में बड़ा महादेव गुफा भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है, और इसमें भगवान ब्रह्मा, विष्णु और गणेश की मूर्तियां भी विराजमान हैं। यह गुफा पचमढ़ी के घने प्राकृतिक वातावरण के बीच स्थित है। पौरान्विक मानयताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने लगभग 60 फीट ऊंची इस गुफा के भीतर राक्षस भस्मासुर का वध किया था।

गुफा के भीतर, मीठे पानी की धाराएँ एक पवित्र कुंड बनाती हैं, और यह माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने मात्र से पाप दूर हो जाते है। इस स्थान के करीब एक और गुफा है जिसका नाम गुफ्त महादेव है, यह एक सकरी गुफा है।

पचमढ़ी के घने जंगलों की प्राकृतिक सुंदरता/ Natural beauty of dense forests of Pachmarhi

हांडी खोह/ Handi Khoh

पचमढ़ी के हांडी खोह नामक स्थान को स्वीट सोसाइड पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान दो पहाड़ियों के बीच वी आकर की खाई बानी हुई है। जिसकी गहराई लगभग 350 फ़ीट के बराबर है। ऐसा कहा जाता है की अंग्रेजो के ज़माने में यहाँ किसी ने कूद कर जान दी थी इसलिए इस स्थान को स्वीट सोसाइड पॉइंट के नाम से जाता है। इस जगह से पचमढ़ी के प्राकृतिक वातावरण का अच्छा आनंद लिया जा सकता है, पर्यटकों के लिए यहाँ पर लंबी पैदल यात्रा, घुड़सवारी और अन्य बाहरी गतिविधियाँ उपलब्ध रहती हैं।

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शाम के शांत समय में नौका विहार/ boating in the calm of the evening

पचमढ़ी झील/Pachmarhi Lake

यह झील पचमढ़ी के सबसे शांत स्थानों में से एक है। यह शहर के बीच में स्थित है, यह जाने पर बोटिंग करना न भूले। इस स्थान पर शाम के समय में की गई बोटिंग आप को एक अलग अनुभव देगी। सूर्यास्त के समय अक्सर पर्यटक यहाँ जमा हो जाते है। झील के किनारे कुछ घास के मैदान भी है। बच्चो के लिए यहाँ ऊठ और घोड़े की सवारी की भी सुविधा है। यहाँ दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा समय बिताया जा सकता है

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क्राइस्ट चर्च/Christ Church

क्राइस्ट चर्च ब्रिटिश औपनिवेशिक शैली का एक प्रमुख उदाहरण है, और हरे-भरे और ऊंचे पेड़ों से घिरे होने के बावजूद यह अपनी भव्य ऊंचाई को अब तक बनाए रखने कामियाब है। अंग्रेजो को गए इतने साल बीतने के बावजूद यह अब भी वैसा ही है ,जैसे ही आप क्राइस्ट चर्च की ऊंची मीनार, पत्थर की इमारत और बेल्जियन कांच की खिड़कियां देखेंगे, तो निश्चित ही यह आप को आश्चर्य में डाल देंगे।

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