सर्दियों में घूमने के लिए पचमढ़ी के प्रमुख स्थान/ Top Places to Visit in Pachmarhi in Winter

सर्दियों का मौसम चल रहा है और हर किसी के बस का नहीं की सब शिमला मनाली जाये सर्दियों की छुट्टिया बीतने। इसलिए कुछ लोग अपने आसपास भी कोई अच्छा सा हिल इस्टेसन तलासते है, उनके लिए पचमढ़ी एक बहोत ही उपयुक्त स्थान है। सतपुड़ा की रानी कहे जाने वाले पचमढ़ी में प्राकृति के अद्भुत नज़ारे के साथ साथ कुछ धार्मिक स्थल भी है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है। पचमढ़ी मध्यप्रदेश का एक मात्रा सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला हिल स्टेशन है।

यहाँ काम बजट में अच्छी और यादगार छुट्टिया बिताई जा सकती है। पचमढ़ी काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है, इस स्थान के सम्पूर्ण भ्रमण में 2-3 दिन लग जाते है। सतपुड़ा के घने जंगल और शांत वातावरण पर्यटकों को जोड़े रखता है। पचमढ़ी में घूमने योग्य प्रमुख स्थान इस प्रकार है:

बी फॉल्स/ Bee Falls

पचमढ़ी का बीफॉल, करीब 35 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। यदि साल के कुछ महीनों को छोड़कर यह खूबसूरत स्थान पर्यटकों के लिए हमेशा खुला रहता है। प्रदेश में पचमढ़ी सबसे ज्यादा बारिश होने वाला स्थान है। बरसात के मौसम में यह झरना विकराल रूप ले लेता है। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा 1 जुलाई से 15 सितंबर तक इस स्थान पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इस झरने का नाम कारन अंग्रेजो द्वारा किया गया है। बी फॉल को इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि झरने की यह धारा एक जलप्रपात बनाती है जो लगभग 35 मीटर से भी अधिक ऊंचाई से गिरता है। जब लोग इसके निचे खड़े होकर नहाते हैं, तो उनके शरीर पर तेजी से छोटी-छोटी बूंदें गिरती हैं। ये पानी की बुँदे इतनी तेज होती है, की मानो शरीर पर मधुमक्खी काट रही हो। इसलिए इस जल प्रपात का नाम बी फॉल पड़ गया।

धूपगढ़/ Dhupgarh

पचमढ़ी, सतपुड़ा पर्वतीय क्षेत्र में स्थित होने कारन यहाँ अनेक ऊँची-ऊँची पहाड़िया देखने को मिलती है। इन सारी पहाड़ियों में सबसे ऊँची पहाड़ी धूपगढ़ की है। जो की समुद्र तल से लगभग 1350 मीटर ऊँची है। यह स्थान पचमढ़ी का ही नहीं बल्कि पुरे मध्य भारत का सबसे ऊँचा स्थान है। इस स्थान पर सबसे पहले सूरज की किरणे पड़ती है इसलिए इस स्थान का नाम धूपगढ़ रखा गया है।

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यहाँ से पचमढ़ी की प्राकर्तिक सुंदरता दीदार किया जा सकता है, निश्चित ही यह स्थान अद्भुत है। धूपगढ़ घूमने का सबसे अच्छा मौसम मानसून के दौरान का होता है, इस समय मानसूनी बदल इसकी स्थान की ऊँची चोटी से निचे होते है। सर्दियों में धुप लेने के लिए धूपगढ़ एक अच्छा स्थान है। धूपगढ़ से सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देखने मिलता है।

रजत प्रपात/ Silver Water Fall

चारों ओर घने जंगलों के बीच एक पतला सा बहता झरना, दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानो चाँदी चमक रहीं हो। हरियाली के बिच जब पानी की धार पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो इस जलप्रपात की धारा चमक उठती है। इसलिए इस जलप्रपात को रजत प्रपात या सिल्वर वॉटरफॉल के नाम से भी जाना जाता है।

इस झरने ऊचाई लगभग 107 मीटर है और यहाँ तक जाने के लिए 1 से 1.5 किलोमीटर पैदल चलना होता है क्यों की यहाँ के पहाड़ी इलाको में रास्ते बनाना संभव नहीं। हरे भरे प्राकृतिक वातावरण में पगडंडी रास्तो पर चलने का अनुभव जरूर ही यादगार रहेगा क्यों की यह स्थान है ही इतना खूबसूरत। इस झरने का दृश्य दूर से ही देखा जा सकता है क्यों की गहरी खाई होने की वजह से इस झरने के करीब जाना असंभव है।

अप्सरा विहार और पांचाली कुंड/ Apsara Vihar and Panchali Kund

पचमढ़ी के अप्सरा विहार नामक स्थान पर छोटा जलप्रपात है, जिसका पानी एक उथले कुंड में गिरता है। यह कुंड अधिक गहरा नहीं है। इस कुंड में अक्सर पर्यटकों को स्नान करते देखा जा सकता है। यह नहाना सुरक्षित है क्युकी इस कुंड की गहराई कम है। इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए सिल्वर वॉटरफॉल की तरह पैदल जाना पड़ता है।

घने जंगल के बीच यह प्रकृति के अद्भुत उपहार का अच्छा उदहारण है। इस कुंड के नाम से जुडी रोचक कहानी यह है की ब्रिटिश काल के दौरान ब्रिटिश अफसरों की पत्नियाँ यहाँ नहाने आया करती थीं। जिन्हे देख स्थानीय लोग उन्हें अप्सरा समझ बैठे जो स्नान करने के लिए स्वर्ग से यहाँ उतरी हैं। इस प्रकार इस स्थान का नाम अप्सरा विहार पद गया। अप्सरा विहार के पास में एक और छोटा स्थल है जिसका नाम है पांचाली कुंड यहाँ पानी की पांच धाराएं छोटे छोटे कुंडो जा कर गिरती है, जिनका दृश्य मनोरम लगता है।

अंबा माई मंदिर/ Amba Mai Temple

पचमढ़ी जाते समय यह रस्ते में पड़ने वाला पचमढ़ी का प्रथम धार्मिक स्थल है। यह एक प्राचीन मदिर है जिसका भव्य तरीके से निर्माण हुआ है। यह मंदिर पचमढ़ी पहुंच मार्ग के किनारे में स्थित है, मदिर का दृश्य इतना मनोहर रहता है की हेर कोई आम्बा माई के दर्शन किये बिना आगे नहीं बढ़ता। इस मंदिर में देवी माँ की सुन्दर प्रतिमा विराजमान है, साथ ही यहाँ अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमाएं स्थापित की गई है। इस मंदिर के पीछे की ओर एक प्राचीन किला है जो अब पूरी तरह खड़हर में तब्दील हो चूका है, चाहे तो वहाँ भी जा सकते है।

रीछगढ़/ Reechgarh

जैसे की नाम से ही जान सकते है की रीछगड मतलब यहाँ रीछ रहा करती थी। यह एक अद्भुत प्राकृतिक स्थल है जो एक प्रकार की गुफा की तरह है।

स्थानीय लोगो के अनुसार यहाँ पहले रीछ यानि की भालू रहा करते थे, इसलिए इस स्थान का नाम रीछगढ़ रखा गया। यह स्थान अप्सरा विहार से कुछ ही दुरी पर है। अन्य स्थल की तरह यहाँ भी कुछ मीटर पैदल चलकर पंहुचा जा सकता है। इस स्थल पर शाहरुख खान की फिल्म अशोका का एक दृश्य भी फिल्माया गया है। निश्चित ही यह स्थान प्रकृति का एक अजूबा सा लगता है।

जटाशंकर गुफा/ Jatashankar Cave  

जटाशंकर गुफा एक धार्मिक स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस गुफा को देखने पर ऐसा प्रतीत होता है की भगवान शिव जटाये लगी हुई हो। इस स्थान पर एक शिवलिंग विराजमान है। विशाल शिलाखंड के निचे विराजमान शिवलिंग पर पहाड़ो का रिस्ता हुआ पानी गिरता है। अनेको सालो से यह स्थान आस्था का केंद्र बना हुआ। पचमढ़ी आदिवासी बहुल क्षेत्र और इसके आराध्य देव महादेव होते है।

इस गुफा से पौरान्विक कथाओ का भी जुड़ाव है। किंवदंती है कि भस्मासुर ने भगवान शिव को प्रसन्न करने की कामना की और बहुत कठोर तपस्या की। भगवान शिव उनसे प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया। दुष्ट भस्मासुर ने एक वरदान मांगा कि वह जिस व्यक्ति के सिर पर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा। अपने वचन से बंधे भगवान शिव ने वरदान दिया। अचानक, भस्मासुर ने भगवान शिव के सिर पर अपना हाथ रखने का फैसला किया। भस्मासुर के इस साहस से बचने के लिए भगवान शिव ने इस गुफा में वास किया था। यह स्थान धार्मिक और प्राकृतिक आस्था के संगम का अच्छा उदाहरण है।

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बड़ा महादेव गुफा/ Bada Mahadev Cave

पचमढ़ी में धार्मिक स्थल में शामिल छोटा महादेव गुफा श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ रहता है। प्रकृति के बिच इस अद्भुत गुफा का दृश्य सचमुच अचमभित करने वाला लगता है। पचमढ़ी की अन्य गुफाओ की तुलना में यह गुफा बड़ी है, साथ ही यह भी भगवान शिव को समर्पित है। इस गुफा के भीतर एक कुंड का निर्माण किया गया है। जहां शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु स्न्नान करते है। छोटा महादेव गुफा के पास अन्य स्थान भी है जिन्हे जरूर देखना चाहिए।

गुप्त महादेव गुफा/ Gupt Mahadev Cave

यह स्थान एक संकरी गुफा में समाहित है, इस गुफा में अंदर जाने का रस्ता इतना सकरा है की एक बार में एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है। इस गुफा में लम्बाई लगभग 30 फ़ीट से भी अधिक है।

इस गुफा के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है। इस गुफा के द्वार पर हनुमान जी की पहरा देती हुई मूर्ति है। घने जंगलो के बिच स्थित यह गुफा पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र का काम करती है। इस गुफा के सामने से एक छोटी नदी बहती है जिसमे नहाने का आनंद ले सकते है।

चौरागढ़ मंदिर/ Chauragarh Temple

चौरागढ़ पचमढ़ी सबसे ऊँची छोटी पर बना एक धार्मिक स्थल है। यहाँ पर एक विशाल मंदिर स्थित है, जो शिव भगवान जी को समर्पित है। चौरागढ़ का महादेव मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है। महादेव मंदिर में जाने के लिए आपको करीब 3 किलोमीटर की पहाड़ी की पैदल चढाई करनी पड़ती है। इस मंदिर तक पहुंचने का रास्ता जंगल से होता हुआ बहुत दुर्गम भी है। महादेव मंदिर में आपको शंकर भगवान जी की अद्भुत प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर से पचमढ़ी के चारों तरफ का दृश्य अद्भुत देख सकते हैं, जो बहुत ही मनोरम होता है।

चौरागढ़ मंदिर में भगवान शिव को त्रिशूल चढ़ाये जाते है। भक्तों द्वारा लाखो की संख्या में अर्पित किये गए त्रिसूलो के ढेर देखा जा सकता है। इस मंदिर में नागद्वार, महाशिवरात्रि और सावन सोमवार के समय बहुत भीड़ रहती है, लाखों की संख्या में लोग भगवान शंकर जी के दर्शन करने के लिए आते हैं।

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पांडव गुफाएं/ Pandava Caves

पचमढ़ी  पांडव गुफाये बहोत प्रसिद्ध है। इस गुफाओ का सम्बन्ध पौरान्विक कथाओ से है, जिनके अनुसार पांडव अपने निर्वासन काल में इस स्थान पर आकर रुके थे।

इसे अब सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक में बदल दिया गया है और पूरे वर्ष पर्यटकों की भारी भीड़ का अनुभव यहाँ किया जा सकता है। यह पहली शताब्दी ईस्वी के दौरान कुछ बौद्ध भिक्षुओं के लिए एक आश्रय के रूप में भी काम करता था और इसलिए इसे बौद्धों के लिए भी एक धार्मिक स्थान माना जाता है।

हांडी खोह/ Handi Khoh

दो पहाड़ियों के बीच में गहरी खाई है को हांड़ी खोह नाम दिया गया है। इस गहरी खाई में किसी का उतरना संभव नहीं है। कहा जाता है की इस खाई में औषधियों का अपार भंडार है। इस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी यहाँ से औषधीय निकल कर असाध्य रोगों का इलाज करते है। यह खाई लगभग 300 फ़ीट से भी अधिक गहरी है। इस स्थान को स्वीट सॉइट पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ से सामने वाली पहाड़ी पर चौरागढ़ मंदिर को साफ रूप से देखा जा सकता है।

पचमढ़ी लेक/ Pachmarhi Lake

पचमढ़ी में अनेक झरने, गुफा और मंदिर है लेकिन लेक (तालाब) एक ही है। चारों ओर जंगलो से घिरी पचमढ़ी लेक प्रकृति का अद्भुत नजारा प्रस्तुत करती है।

इस लेक के पास घास के मैदान है जहा घूम सकते है। इस स्थान के पास में कई एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी आयोजन किया जाता है। शाम के समय यहाँ बोटिंग का अद्भुत आनंद आता है। यहाँ पर घोड़े और ऊठ भी सवारी के लिए मिलते है। यहाँ पार्किंग और खाने पिने की सभी चीजे मिलती है।

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